तुम्हारी हँसी इत्तेफाक बन गयी, हमारे होटों की मुसक
"तुम्हारी हँसी इत्तेफाक बन गयी,
हमारे होटों की मुसकुराहट बन गयी,
तुम मुस्कुराते गये,
और हमें प्यार हो गया,
युंही जमाना हमें दोषी करार करता है,
जुल्म तो तुम्हारी हंसती हुई आँखे करती है,
नजर को चीर के सीधा दिल तक चली जाती है।"
तुम्हारी हँसी इत्तेफाक बन गयी,
हमारे होटों की मुसकुराहट बन गयी,
तुम मुस्कुराते गये,
और हमें प्यार हो गया,
युंही जमाना हमें दोषी करार करता है,
जुल्म तो तुम्हारी हंसती हुई आँखे करती है,
नजर को चीर के सीधा दिल तक चली जाती है।