दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भूलाबे गा भूल -चूक ल | हिंदी Poetry

"दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भूलाबे गा भूल -चूक ल सहिके ,ग्रुप म चले आबे गा। बेरा बखत के फेर आए संगी तै कइसे भूलाबे गा भूल चूक ल सहिके, ग्रुप म चले आबे गा । Libcycle रूख के तरि तै बइठ के सुरताबे गा अउ सुख दुख ल गोठियाबे गा जुन्ना जुन्ना संग ल छोड़ तै कहा ले नवा भिडाबे गा दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भुलाबे गा भूल चूक ल सहिके ,ग्रुप म चले आबे गा। ©LUСKY SINGH"

 दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भूलाबे गा
भूल -चूक ल सहिके ,ग्रुप म चले आबे गा।
बेरा बखत के फेर आए संगी 
तै कइसे भूलाबे गा
भूल चूक ल सहिके, ग्रुप म चले आबे गा ।
Libcycle रूख के तरि
 तै बइठ के सुरताबे गा
अउ सुख दुख ल गोठियाबे गा 
जुन्ना जुन्ना संग ल छोड़ 
तै कहा ले नवा भिडाबे गा 
दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भुलाबे गा भूल चूक ल सहिके ,ग्रुप म चले आबे गा।

©LUСKY SINGH

दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भूलाबे गा भूल -चूक ल सहिके ,ग्रुप म चले आबे गा। बेरा बखत के फेर आए संगी तै कइसे भूलाबे गा भूल चूक ल सहिके, ग्रुप म चले आबे गा । Libcycle रूख के तरि तै बइठ के सुरताबे गा अउ सुख दुख ल गोठियाबे गा जुन्ना जुन्ना संग ल छोड़ तै कहा ले नवा भिडाबे गा दुरिया -दुरिया रहिके, तै कइसे भुलाबे गा भूल चूक ल सहिके ,ग्रुप म चले आबे गा। ©LUСKY SINGH

#SunSet lucky freind forever

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