कि कभी साथ थे, अब मैं कहां, वो कहां क्या अब भी वो | हिंदी Shayari

"कि कभी साथ थे, अब मैं कहां, वो कहां क्या अब भी वो पहले जैसे ही गुजर कर रही होगी और मैं तो यहां रजाई में अकेला हूं इस कामुक मौसम में वो किसके होंठों पर अपनी हवस रख रही होगी 😬 ©सुधांशु गौतम"

 कि कभी साथ थे,
अब मैं कहां, वो कहां

क्या अब भी वो 
पहले जैसे ही गुजर कर रही होगी

और मैं तो यहां रजाई में अकेला हूं 
इस कामुक मौसम में

वो किसके होंठों पर 
अपनी हवस रख रही होगी  😬

©सुधांशु गौतम

कि कभी साथ थे, अब मैं कहां, वो कहां क्या अब भी वो पहले जैसे ही गुजर कर रही होगी और मैं तो यहां रजाई में अकेला हूं इस कामुक मौसम में वो किसके होंठों पर अपनी हवस रख रही होगी 😬 ©सुधांशु गौतम

#thelunarcycle

People who shared love close

More like this

Trending Topic