सुधांशु गौतम

सुधांशु गौतम

Insta :- @bikhri_kitab छोटा सा ख्वाब, छोटा सा घर, थोड़ा सा नाम, थोड़ी सी जिंदगी ब्राम्हण 🦅 Jaipur 🔄 Tonk

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राम का नाम हो जहां, वहां हनुमान खुद-ब-खुद चले आयेंगे सो इस जनम क्या, हम हर जनम में, यूंही तेरे पीछे आयेंगे । तुम चलो तो सही हाथ थामे, कुछ दूर हमारा ये प्यार के हसीन रंग, खुद हमें रंगने आयेंगे । सबरी की तरह, आंगन में फूल बिछाने को कब कहा है तुम प्यार से पुकारो तो सही, हम दौड़े चले आयेंगे । क्यों झगड़ती रहती हो हमारे वक्त को बंटता देख कहीं भी जाएं, किसी से भी मिलें हम, आखिर में थक-हार कर तेरे ही सिरहाने आयेंगे । वो (भगवान) जानता है मेरे दिल का सारा सच सो अगर तुम आओ हमारी ही जैसी तलब लेकर, तो बादल खुद हमें भिगोने आयेंगे । और ये भी मिला, वो भी मिला, जो चाहा था वो सब मिला जनाब आप कब हमारे ख्वाबों की दुनियां से बाहर आयेंगे । ©सुधांशु गौतम

#loveshayari #Apocalypse  राम का नाम हो जहां, वहां हनुमान खुद-ब-खुद चले आयेंगे
सो इस जनम क्या, हम हर जनम में, यूंही तेरे पीछे आयेंगे ।

तुम चलो तो सही हाथ थामे, कुछ दूर हमारा
ये प्यार के हसीन रंग, खुद हमें रंगने आयेंगे ।

सबरी की तरह, आंगन में फूल बिछाने को कब कहा है
तुम प्यार से पुकारो तो सही, हम दौड़े चले आयेंगे ।

क्यों झगड़ती रहती हो हमारे वक्त को बंटता देख
कहीं भी जाएं, किसी से भी मिलें हम,
आखिर में थक-हार कर तेरे ही सिरहाने आयेंगे ।

वो (भगवान) जानता है मेरे दिल का सारा सच
सो अगर तुम आओ हमारी ही जैसी तलब लेकर,
तो बादल खुद हमें भिगोने आयेंगे ।

और ये भी मिला, वो भी मिला, जो चाहा था वो सब मिला
जनाब आप कब हमारे ख्वाबों की दुनियां से बाहर आयेंगे ।

©सुधांशु गौतम

#Apocalypse #Love

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कि कभी साथ थे, अब मैं कहां, वो कहां क्या अब भी वो पहले जैसे ही गुजर कर रही होगी और मैं तो यहां रजाई में अकेला हूं इस कामुक मौसम में वो किसके होंठों पर अपनी हवस रख रही होगी 😬 ©सुधांशु गौतम

#thelunarcycle  कि कभी साथ थे,
अब मैं कहां, वो कहां

क्या अब भी वो 
पहले जैसे ही गुजर कर रही होगी

और मैं तो यहां रजाई में अकेला हूं 
इस कामुक मौसम में

वो किसके होंठों पर 
अपनी हवस रख रही होगी  😬

©सुधांशु गौतम

पूछते हो क्यों संभाल रखे है ये सूखे गुलाब अब भी किताबों में अरे उनमें उसके इजहारों की वो मीठी आवाजें मिलती है ©सुधांशु गौतम

#ChainSmoking  पूछते हो क्यों संभाल रखे है 
ये सूखे गुलाब अब भी किताबों में

अरे उनमें उसके इजहारों की 
वो मीठी आवाजें मिलती है

©सुधांशु गौतम

#ChainSmoking

13 Love

पूछते हो कईं है दुनियां में हसीन फिर क्या है एक ऐसा उसमें अरे एक उसी की तो बाहें हैं जो हवस से नहीं सुकून से मिलती है ©सुधांशु गौतम

 पूछते हो कईं है दुनियां में हसीन 
फिर क्या है एक ऐसा उसमें

अरे एक उसी की तो बाहें हैं 
जो हवस से नहीं सुकून से मिलती है

©सुधांशु गौतम

पूछते हो कईं है दुनियां में हसीन फिर क्या है एक ऐसा उसमें अरे एक उसी की तो बाहें हैं जो हवस से नहीं सुकून से मिलती है ©सुधांशु गौतम

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#rosepetal  आओ पास बैठो तुम्हे भी सुनाता हूं कुछ हसीन किस्से 

देखना कैसे तुम्हारी धड़कनों को भी हवा मिलती है

©सुधांशु गौतम

#rosepetal

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