White हां अगर जिंदा रहता... तो जुदा होने पर
आंखें न तो रोती और न ही अंधेरी रातों में तकती
उसके आने का रास्ता और न ही यादें कचोटती
पल - पल अंदर से ....... इतना कुछ होने के बाद भी फिर कैसे कह दिया जाता है और क्यों समझ लिया जाता है.... कि किसी के जुदा होने से
कोई नहीं मरता
हां, मरता है.... शरीर से नहीं..... पर अंदर से सब कुछ मरता है
(part- 2)
©Harpinder Kaur
# कितना कुछ मरता है भीतर.....