White "अभी रोशनी दो चार कदम चली भी ना थी
की दिए को किसी की नजर😰 लग गई"
उपरोक्त पंक्तिया मेरी आज उन सभी अजन्मे नहीं वरन जन्म लेकर
इस दुनिया में आ चुके उन अभागे बच्चों को समर्पित करता हूं
जो माँ की कोख से पैदा तो हुए मगर किसी जन्मजात विकृति शरीर में ले
कर आने के कारण वापस महिने दो महिने में ही वापस वही चले गए जिस ईश्वर के घर से वो आए थे वैसे तो 10 जून को मेरा जन्मदिन
है मगर मैं इसे 2003 से इस दिन को इसलिए नहीं मनाता है की
जून के महिने में ही शादी के 1 साल बाद ही मेरा प्रथम पुत्र रत्न जो पैदा तो हुआ मगर पूर्ण स्वस्थ्य होने के बाद जब देखा तो उसका सिर अति
विकसित हो गया था जिसका 1 महिने बाद फिर हमीदिया हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवा लिया गया मगर वो बच ना सका और जून महीने में ही उसे शांत होने के बाद भोपाल के "छोला श्मशान कब्रिस्तान" में दफना दिया गया अब तब से यह महिना जून मुझे 10 जून की खुशी मनाने के साथ-साथ
उसके जाने का ग़म भी देता है मगर फिर भी मेरी कोशिश यही रही की गम और खुशी से भरे जीवन में दोनों में सामंजस्य बना रहे यानी सीधे कहूँ तो
"कभी खुशी कभी गम"।
जो बच्चा मृत हुआ उसको श्रद्धांजली स्वरूप बच्चन साहब द्वारा बाद में
2013 में "पा" फिल्म बनाई गई जो बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों द्वारा
खूब सराही गई प्रणाम करता हूं "पा " को🙏
©AwadheshPSRathore_7773
#Hope उम्मीद पर दुनिया कायम है वर्ना सुख और दुख से भरी इस दुनिया में कौन अपना है कौन पराया ठीक से पता ही नहीं चलता।
हालात ऐसे हो जाते हैं कभी-कभी की साथ चलने वाला साया भी कहीं कहीं साथ छोड़ देता है।
सुख में सुमिरन सब करे दुःख में करे न कोई,
जो दुख में करें जो कोई,तो दुख काहे को होई।