White मां ,मां तो, मां होती है।
है मां, विशाल एक दरखत सा।
मां तो शीतल छाव होती है।
मां, मां तो, मां होती है।
खुद भूखी रहकर ,
जो बच्चों को खिलाती है।
खुद रोती है अंधेरों में,
बच्चों को उजाला देती है।
मां ,मां तो ,मां होती है।
शिकस्त कभी चेहरे पर ,
दिखाई नहीं देती।
थकावट उन झुर्रीयो में
कभी आई नहीं देखी ।
अपनी मुस्कान ,
कभी होती नहीं उनकी।
बच्चों की हंसी में ,
उनकी जान फसी होती है।
हां नोहर हां,
वही तो मां होती है।
मां ,मां तो ,मां होती है।
©Suneel Nohara
मां ,मां तो ,मां होती है ,,, @Anshu writer अदनासा- @Sethi Ji एक अजनबी R K Mishra " सूर्य "