चलो आओ मनाए दीपों का त्यौहार आया दीपावली का पावन त | हिंदी कविता

"चलो आओ मनाए दीपों का त्यौहार आया दीपावली का पावन त्यौहार होने लगी जगमग-जगमग घर द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार सजने लगी दुकाने-मिठाई शौके समान गली-गली मचने लगी पटाखों की झंकार कोई करने लगा रंग-रोहन फूलों से साज कोई करने लगा स्वागत दीपको की कतार होने लगी जगमग-जगमग घर द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार होने लगी स्वागत राम आगमन की प्रतीक्षा सियाराम लखन संग अंजनी का अवध में ढिंढोरा सब बने है अयोध्या वासी दीपों की माला उतारने लगे आरती नर-नारी बनके जोगनिया होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार माता लक्ष्मी को रिझाने हुई साफ-सफाई स्वागत में जुटे पूरे भारतवर्ष के नर-नारी कोई करता मिन्नत भरने खजाने की तिजौरी कोई पाता अक्षय आनन्द धन की तिजौरी होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार बांट रहे मिठाई बताशे बनकर सबके हमराही मनाते अंग-संग खुशियों में बनकर सबके हमराही धन्य-धन्य भारत हम ऋषि-मुनियों की संतानें दिया पावन पर्व मनाने चलो सब करो नित वंदन होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार।। ©Sunil lambadi"

 चलो आओ मनाए दीपों का त्यौहार
आया दीपावली का पावन त्यौहार
होने लगी जगमग-जगमग घर द्वार
आया दीपावली का पावन त्यौहार

सजने लगी दुकाने-मिठाई शौके समान
गली-गली मचने लगी पटाखों की झंकार
कोई करने लगा रंग-रोहन फूलों से साज
कोई करने लगा स्वागत दीपको की कतार
होने लगी जगमग-जगमग घर द्वार
आया दीपावली का पावन त्यौहार

होने लगी स्वागत राम आगमन की प्रतीक्षा
सियाराम लखन संग अंजनी का अवध में ढिंढोरा
सब बने है अयोध्या वासी दीपों की माला
उतारने लगे आरती नर-नारी बनके जोगनिया
होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार
आया दीपावली का पावन त्यौहार

माता लक्ष्मी को रिझाने हुई साफ-सफाई
स्वागत में जुटे पूरे भारतवर्ष के नर-नारी
कोई करता मिन्नत भरने खजाने की तिजौरी
कोई पाता अक्षय आनन्द धन की तिजौरी
होने लगी  जगमग-जगमग घर-द्वार
आया दीपावली का पावन त्यौहार

बांट रहे मिठाई बताशे बनकर सबके हमराही
मनाते अंग-संग खुशियों में बनकर सबके हमराही
धन्य-धन्य भारत हम ऋषि-मुनियों की संतानें
दिया पावन पर्व मनाने चलो सब करो नित वंदन
होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार
आया दीपावली का पावन त्यौहार।।

©Sunil lambadi

चलो आओ मनाए दीपों का त्यौहार आया दीपावली का पावन त्यौहार होने लगी जगमग-जगमग घर द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार सजने लगी दुकाने-मिठाई शौके समान गली-गली मचने लगी पटाखों की झंकार कोई करने लगा रंग-रोहन फूलों से साज कोई करने लगा स्वागत दीपको की कतार होने लगी जगमग-जगमग घर द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार होने लगी स्वागत राम आगमन की प्रतीक्षा सियाराम लखन संग अंजनी का अवध में ढिंढोरा सब बने है अयोध्या वासी दीपों की माला उतारने लगे आरती नर-नारी बनके जोगनिया होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार माता लक्ष्मी को रिझाने हुई साफ-सफाई स्वागत में जुटे पूरे भारतवर्ष के नर-नारी कोई करता मिन्नत भरने खजाने की तिजौरी कोई पाता अक्षय आनन्द धन की तिजौरी होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार बांट रहे मिठाई बताशे बनकर सबके हमराही मनाते अंग-संग खुशियों में बनकर सबके हमराही धन्य-धन्य भारत हम ऋषि-मुनियों की संतानें दिया पावन पर्व मनाने चलो सब करो नित वंदन होने लगी जगमग-जगमग घर-द्वार आया दीपावली का पावन त्यौहार।। ©Sunil lambadi

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