किंतु लेकिन तो कहीं पर काश बनकर रह गई। जिंदगी दीनो

"किंतु लेकिन तो कहीं पर काश बनकर रह गई। जिंदगी दीनों की बस उपहास बनकर रह गई। मीडिया को चाहिए था सत्य के वो साथ हो, किंतु वो दरबार की बस दास बनकर रह गई।"

 किंतु लेकिन तो कहीं पर काश बनकर रह गई।
जिंदगी दीनों की बस  उपहास बनकर रह गई।
मीडिया को  चाहिए था  सत्य के  वो साथ हो,
किंतु वो  दरबार की बस  दास बनकर रह गई।

किंतु लेकिन तो कहीं पर काश बनकर रह गई। जिंदगी दीनों की बस उपहास बनकर रह गई। मीडिया को चाहिए था सत्य के वो साथ हो, किंतु वो दरबार की बस दास बनकर रह गई।

#मौर्यवंशी_मनीष_मन #जीवन #जिंदगी #दीन

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