व्ह तेरे चेहरे का तिल आज भी है क्या।
मुझे देख जब मुस्कुराती थी वह तेरे चेहरे की रौनक बढ़ाता था।
दुनिया की नजरों से तुझे बचाता था।
आज भी जब तू मुस्कुराती है क्या वह तेरे चेहरे की रौनक बढ़ाता है।
जब चेहरा अपना आईने में देखती है
क्या मेरी याद से आज भी तेरा दिल शर्माता है।
वह जो मुझे देखती थी मुस्कुराकर तु
वह तिल तेरी खूबसूरती वह तिल ।
क्या आज भी मेरी याद में वह दिल तेरा शर्माता है।
क्या तेरा दिल आज भी मुझे अपना बतलाता है।
चल ठीक है और नग्नेमें नहीं लिखूंगा।
देखूंगा तुझे मगर अब अपनी डायरी में तेरी यादों को कदे नहीं करूंगा
तुझे खोने से पहले भी डरता था आज भी डरता हूं
मगर इजहार ना करूंगा
गोविंद बाली
18 सितंबर 2020
#alonesoul