आज चल फिर तेरे इश्क में पिघल जाते हैं, तूं जैसे ढा | हिंदी कविता Video

"आज चल फिर तेरे इश्क में पिघल जाते हैं, तूं जैसे ढालेगी,  वैसे ढल जाते हैं। बहुत ज़ालिम है ये दुनिया के दस्तूर, चल फिर अनजान रास्तों पर, तेरा हाथ पकड़ कर कहीं दूर निकल जाते हैं। ---------आनन्द ©आनन्द कुमार "

आज चल फिर तेरे इश्क में पिघल जाते हैं, तूं जैसे ढालेगी,  वैसे ढल जाते हैं। बहुत ज़ालिम है ये दुनिया के दस्तूर, चल फिर अनजान रास्तों पर, तेरा हाथ पकड़ कर कहीं दूर निकल जाते हैं। ---------आनन्द ©आनन्द कुमार

#आनन्द_गाजियाबादी
#Anand_Ghaziabadi
#ढल

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