खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा। और उस पर

"खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा। और उस पर भी देखिए मिजाज दोस्ताना रहा हमारा। चीजें कम थी मगर , दिलों में मोहब्बत थी भरपूर, इसीलिए तो शायद, कायल जमाना रहा हमारा। मिला है हर किसी को यहां कुछ-न-कुछ बेशक, हम ऐसे खुशनसीब हुए की खुशियों का खजाना रहा हमारा। हमने तो यहां हर किसी को सीने से लगाया है, जानी दुश्मन भी प्यार से कहां बेगाना रहा हमारा। कि शायद यह असर था प्रीति मैडम की डांट का, हमेशा पुस्तकालय दोस्त और दुश्मन मैंखाना रहा हमारा। चाहे सुमित सर मांग रहे हो असाइनमेंट कई दिनों से, हम इतने सच्चे लोग, हमेशा झूठा बहाना रहा हमारा। यह हुनर तो हमने चरणजीत सर से सीखा है, सिर्फ मुस्कुरा देने से पूरा विश्वविद्यालय दीवाना रहा हमारा। क्लास में कोई गलती करे तो उसको वहीं टोंक देते हैं, छोटी-छोटी बातों पर, कृष्ण सर का बड़ी सीख समझाना रहा हमारा। कि हमको कहां मिली कोई सच्ची मोहब्बत यहां, हर बार यही है कि गलत निशाना रहा हमारा। कि उसको खुशियां देती हैं बच्चों की हर कामयाबी मगर, वह बात ही अलग है जब से कमाना रहा हमारा।"

 खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा।
और उस पर भी देखिए मिजाज दोस्ताना रहा हमारा।
चीजें कम थी मगर , दिलों में मोहब्बत थी भरपूर,
इसीलिए तो शायद, कायल जमाना रहा हमारा।
मिला है हर किसी को यहां कुछ-न-कुछ बेशक,
हम ऐसे खुशनसीब हुए की खुशियों का खजाना रहा हमारा।
हमने तो यहां हर किसी को सीने से लगाया है,
जानी दुश्मन भी प्यार से कहां बेगाना रहा हमारा।
कि शायद यह असर था प्रीति मैडम की डांट का,
हमेशा पुस्तकालय दोस्त और दुश्मन मैंखाना रहा हमारा।
चाहे सुमित सर मांग रहे हो असाइनमेंट कई दिनों से,
हम इतने सच्चे लोग, हमेशा झूठा बहाना रहा हमारा।
यह हुनर तो हमने चरणजीत सर से सीखा है,
सिर्फ मुस्कुरा देने से पूरा विश्वविद्यालय दीवाना रहा हमारा।
क्लास में कोई गलती करे तो उसको वहीं टोंक देते हैं,
छोटी-छोटी बातों पर, कृष्ण सर का बड़ी सीख समझाना रहा हमारा।
कि हमको कहां मिली कोई सच्ची मोहब्बत यहां,
हर बार यही है कि गलत निशाना रहा हमारा।
कि उसको खुशियां देती हैं बच्चों की हर कामयाबी मगर,
वह बात ही अलग है जब से कमाना रहा हमारा।

खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा। और उस पर भी देखिए मिजाज दोस्ताना रहा हमारा। चीजें कम थी मगर , दिलों में मोहब्बत थी भरपूर, इसीलिए तो शायद, कायल जमाना रहा हमारा। मिला है हर किसी को यहां कुछ-न-कुछ बेशक, हम ऐसे खुशनसीब हुए की खुशियों का खजाना रहा हमारा। हमने तो यहां हर किसी को सीने से लगाया है, जानी दुश्मन भी प्यार से कहां बेगाना रहा हमारा। कि शायद यह असर था प्रीति मैडम की डांट का, हमेशा पुस्तकालय दोस्त और दुश्मन मैंखाना रहा हमारा। चाहे सुमित सर मांग रहे हो असाइनमेंट कई दिनों से, हम इतने सच्चे लोग, हमेशा झूठा बहाना रहा हमारा। यह हुनर तो हमने चरणजीत सर से सीखा है, सिर्फ मुस्कुरा देने से पूरा विश्वविद्यालय दीवाना रहा हमारा। क्लास में कोई गलती करे तो उसको वहीं टोंक देते हैं, छोटी-छोटी बातों पर, कृष्ण सर का बड़ी सीख समझाना रहा हमारा। कि हमको कहां मिली कोई सच्ची मोहब्बत यहां, हर बार यही है कि गलत निशाना रहा हमारा। कि उसको खुशियां देती हैं बच्चों की हर कामयाबी मगर, वह बात ही अलग है जब से कमाना रहा हमारा।

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