Rana Vansh mani

Rana Vansh mani Lives in Rohtak, Haryana, India

मुझ से नफरत करो मेरे शब्दो से नही।

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🥳🥳پیارے، سالگرہ مبارک۔ آپ کی خواہشات کو پورا کریں اور لمبی اور صحت مند زندگی گزاریں۔ میں ہمیشہ رب اور گرو کے فضل سے لطف اندوز ہوتا ہوں۔ آپ کی فاطمہ

 🥳🥳پیارے، سالگرہ مبارک۔ آپ کی خواہشات کو پورا کریں اور لمبی اور صحت مند زندگی گزاریں۔ میں ہمیشہ رب اور گرو کے فضل سے لطف اندوز ہوتا ہوں۔ آپ کی فاطمہ

🥳🥳پیارے، سالگرہ مبارک۔ آپ کی خواہشات کو پورا کریں اور لمبی اور صحت مند زندگی گزاریں۔ میں ہمیشہ رب اور گرو کے فضل سے لطف اندوز ہوتا ہوں۔ آپ کی فاطمہ

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निराशा के तम में जो डूबे हुए है, उन्हें फिर कैसे उजाला मिलेगा? जिसे नोचा हैं दुनिया ने मिलकर, वो भी किसी को नोचता मिलेगा। खुशियों में सबको बुलाते सभी हैं, पेड़े-रसगुल्ले खिलाते सभी हैं। मगर जो गम का साया पड़ा तो, हर शख्स उसको छुपाता मिलेगा। सामने तो सबको अपना बनाकर, बिल्कुल उनको फरिश्ता ही कहते। मगर जो हल्की निगाह फिरी तो, वही बर्बादी की दुआ करता मिलेगा। मोहब्बत करते हैं तिजारत के जैसे, नफे-नुकसान सब लाजिम है इसमें। अब तो कि दिल जरूरी नहीं है, दौलत पे हर मजनू मरता मिलेगा। चलते हैं नजरें सदा फेर करके, जैसे कि हमसे रिश्ता ही नहीं है, जरा सी बुलंदी मिलेगी मुझे जो, ये मगरूर राम-राम करता मिलेगा। तुम्हें जो करना है कर के ही बैठो, हमें उससे कोई मतलब नहीं है। हमको तो कुछ और आता नहीं है, ये जाहिल गजलें सुनाता मिलेगा। पिछली तुमने जो साजिश करी थी, जरा अच्छी तैयारी करके तो आते। मां की दुआओं की नेमत यही है, गम में भी राणा मुस्कुराता मिलेगा।

#Trending #Reality #story #Truth  निराशा के तम में जो डूबे हुए है,
उन्हें फिर कैसे उजाला मिलेगा?
जिसे नोचा हैं दुनिया ने मिलकर,
वो भी किसी को नोचता मिलेगा।
खुशियों में सबको बुलाते सभी हैं,
पेड़े-रसगुल्ले खिलाते सभी हैं।
मगर जो गम का साया पड़ा तो, 
हर शख्स उसको छुपाता मिलेगा।
सामने तो सबको अपना बनाकर,
बिल्कुल उनको फरिश्ता ही कहते।
मगर जो हल्की निगाह फिरी तो,
वही बर्बादी की दुआ करता मिलेगा।
मोहब्बत करते हैं तिजारत के जैसे, 
नफे-नुकसान सब लाजिम है इसमें।
अब तो कि दिल जरूरी नहीं है, 
दौलत पे हर मजनू मरता मिलेगा।
चलते हैं नजरें सदा फेर करके, 
जैसे कि हमसे रिश्ता ही नहीं है,
जरा सी बुलंदी मिलेगी मुझे जो, 
ये मगरूर राम-राम करता मिलेगा।
तुम्हें जो करना है कर के ही बैठो, 
हमें उससे कोई मतलब नहीं है।
हमको तो कुछ और आता नहीं है, 
ये जाहिल गजलें सुनाता मिलेगा।
पिछली तुमने जो साजिश करी थी, 
जरा अच्छी तैयारी करके तो आते।
मां की दुआओं की नेमत यही है, 
गम में भी राणा मुस्कुराता मिलेगा।

क्यों मुश्किलो से मिलती है आसान जिंदगी, रहती है, हर बात पर क्यों परेशान जिंदगी। खुश नहीं हो, तो खुशी का भरम ही रख लो, थोड़ा तो खिलखिला दो, ये नादान जिंदगी। सोचो तो हर पल, वज्म है चारों तरफ हमारे, गौर से देखो तो, दिखती है बियाबान जिंदगी। पाया है तुमने सब कुछ, नूर-ए-जहां हो तुम, आखिर हैं हकीकत, सबकी शमशान जिंदगी। दूर से अमूमन, सबको दिखती हैं अमृत सरिता, पास से पता चला, मौत का हैं फरमान जिंदगी। कितनी भी करो कोशिश, एक दिन है इसे बहना, तेज बरसात में राणा, मिट्टी का हैं मकान जिंदगी।

#Relationship #phylosophy  क्यों मुश्किलो से मिलती है आसान जिंदगी,
रहती है, हर बात पर क्यों परेशान जिंदगी।

खुश नहीं हो, तो खुशी का भरम ही रख लो,
थोड़ा तो खिलखिला दो, ये नादान जिंदगी।

सोचो तो हर पल, वज्म है चारों तरफ हमारे,
गौर से देखो तो, दिखती है बियाबान जिंदगी।

पाया है तुमने सब कुछ, नूर-ए-जहां हो तुम,
आखिर हैं हकीकत, सबकी शमशान जिंदगी।

दूर से अमूमन, सबको दिखती हैं अमृत सरिता,
पास से पता चला, मौत का हैं फरमान जिंदगी।

कितनी भी करो कोशिश, एक दिन है इसे बहना,
तेज बरसात में राणा, मिट्टी का हैं मकान जिंदगी।

मैंने देखा हैं चांद, दिन के उजाले में, अब शामें हर दिन, हसीन होगी मेरी। एक तो ये हुस्न, उसपें होठों पे तिल, सोचो, कहानी कैसी रंगीन होगी मेरी।

#newwritersclub #lovequotes #treanding  मैंने देखा हैं चांद, दिन के उजाले में,
अब शामें हर दिन, हसीन होगी मेरी।
एक तो ये हुस्न, उसपें होठों पे तिल,
सोचो, कहानी कैसी रंगीन होगी मेरी।

खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा। और उस पर भी देखिए मिजाज दोस्ताना रहा हमारा। चीजें कम थी मगर , दिलों में मोहब्बत थी भरपूर, इसीलिए तो शायद, कायल जमाना रहा हमारा। मिला है हर किसी को यहां कुछ-न-कुछ बेशक, हम ऐसे खुशनसीब हुए की खुशियों का खजाना रहा हमारा। हमने तो यहां हर किसी को सीने से लगाया है, जानी दुश्मन भी प्यार से कहां बेगाना रहा हमारा। कि शायद यह असर था प्रीति मैडम की डांट का, हमेशा पुस्तकालय दोस्त और दुश्मन मैंखाना रहा हमारा। चाहे सुमित सर मांग रहे हो असाइनमेंट कई दिनों से, हम इतने सच्चे लोग, हमेशा झूठा बहाना रहा हमारा। यह हुनर तो हमने चरणजीत सर से सीखा है, सिर्फ मुस्कुरा देने से पूरा विश्वविद्यालय दीवाना रहा हमारा। क्लास में कोई गलती करे तो उसको वहीं टोंक देते हैं, छोटी-छोटी बातों पर, कृष्ण सर का बड़ी सीख समझाना रहा हमारा। कि हमको कहां मिली कोई सच्ची मोहब्बत यहां, हर बार यही है कि गलत निशाना रहा हमारा। कि उसको खुशियां देती हैं बच्चों की हर कामयाबी मगर, वह बात ही अलग है जब से कमाना रहा हमारा।

 खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा।
और उस पर भी देखिए मिजाज दोस्ताना रहा हमारा।
चीजें कम थी मगर , दिलों में मोहब्बत थी भरपूर,
इसीलिए तो शायद, कायल जमाना रहा हमारा।
मिला है हर किसी को यहां कुछ-न-कुछ बेशक,
हम ऐसे खुशनसीब हुए की खुशियों का खजाना रहा हमारा।
हमने तो यहां हर किसी को सीने से लगाया है,
जानी दुश्मन भी प्यार से कहां बेगाना रहा हमारा।
कि शायद यह असर था प्रीति मैडम की डांट का,
हमेशा पुस्तकालय दोस्त और दुश्मन मैंखाना रहा हमारा।
चाहे सुमित सर मांग रहे हो असाइनमेंट कई दिनों से,
हम इतने सच्चे लोग, हमेशा झूठा बहाना रहा हमारा।
यह हुनर तो हमने चरणजीत सर से सीखा है,
सिर्फ मुस्कुरा देने से पूरा विश्वविद्यालय दीवाना रहा हमारा।
क्लास में कोई गलती करे तो उसको वहीं टोंक देते हैं,
छोटी-छोटी बातों पर, कृष्ण सर का बड़ी सीख समझाना रहा हमारा।
कि हमको कहां मिली कोई सच्ची मोहब्बत यहां,
हर बार यही है कि गलत निशाना रहा हमारा।
कि उसको खुशियां देती हैं बच्चों की हर कामयाबी मगर,
वह बात ही अलग है जब से कमाना रहा हमारा।

खुशी है कि ये सारा सफर, सुहाना रहा हमारा। और उस पर भी देखिए मिजाज दोस्ताना रहा हमारा। चीजें कम थी मगर , दिलों में मोहब्बत थी भरपूर, इसीलिए तो शायद, कायल जमाना रहा हमारा। मिला है हर किसी को यहां कुछ-न-कुछ बेशक, हम ऐसे खुशनसीब हुए की खुशियों का खजाना रहा हमारा। हमने तो यहां हर किसी को सीने से लगाया है, जानी दुश्मन भी प्यार से कहां बेगाना रहा हमारा। कि शायद यह असर था प्रीति मैडम की डांट का, हमेशा पुस्तकालय दोस्त और दुश्मन मैंखाना रहा हमारा। चाहे सुमित सर मांग रहे हो असाइनमेंट कई दिनों से, हम इतने सच्चे लोग, हमेशा झूठा बहाना रहा हमारा। यह हुनर तो हमने चरणजीत सर से सीखा है, सिर्फ मुस्कुरा देने से पूरा विश्वविद्यालय दीवाना रहा हमारा। क्लास में कोई गलती करे तो उसको वहीं टोंक देते हैं, छोटी-छोटी बातों पर, कृष्ण सर का बड़ी सीख समझाना रहा हमारा। कि हमको कहां मिली कोई सच्ची मोहब्बत यहां, हर बार यही है कि गलत निशाना रहा हमारा। कि उसको खुशियां देती हैं बच्चों की हर कामयाबी मगर, वह बात ही अलग है जब से कमाना रहा हमारा।

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तिलक-टोपी हो या फिर हो क्रॉस का निशान, इन चीजों में खो गया है कहीं मेरा हिंदुस्तान। कहीं राम कहीं अल्लाह का जारी है बखान। इसी बहस के मध्य में भूखा बैठा है इंसान। आरती की अजान से गुरुवाणी से है संग्राम, चिंतित व्यथित हैं सभी अल्लाह जीसस राम। रोटी की चिंता नहीं सुनना है सिर्फ अजान। बेघरों को भी है सिर्फ करना मंदिर निर्माण। यहां भारत की बेटी की जो भी लूटे लाज, फांसी पर टांगो चाहे हो मौलाना या महाराज। इस भारत की भूमि के बडे सुनहरे रंग, हर जाति हर धर्म है इसका अपना अंग।

 तिलक-टोपी हो या फिर हो क्रॉस का निशान,
इन चीजों में खो गया है कहीं मेरा हिंदुस्तान।
कहीं राम कहीं अल्लाह का जारी  है बखान।
इसी बहस के मध्य में भूखा बैठा है इंसान।
आरती की अजान से गुरुवाणी से है संग्राम,
चिंतित व्यथित हैं सभी अल्लाह जीसस राम।
रोटी की चिंता नहीं सुनना है सिर्फ  अजान।
बेघरों को भी है सिर्फ  करना मंदिर निर्माण।
यहां  भारत की  बेटी की जो भी  लूटे  लाज,
फांसी पर टांगो चाहे हो मौलाना या महाराज।
इस  भारत  की  भूमि  के   बडे  सुनहरे  रंग,
हर  जाति  हर  धर्म  है  इसका  अपना अंग।

तिलक-टोपी हो या फिर हो क्रॉस का निशान, इन चीजों में खो गया है कहीं मेरा हिंदुस्तान। कहीं राम कहीं अल्लाह का जारी है बखान। इसी बहस के मध्य में भूखा बैठा है इंसान। आरती की अजान से गुरुवाणी से है संग्राम, चिंतित व्यथित हैं सभी अल्लाह जीसस राम। रोटी की चिंता नहीं सुनना है सिर्फ अजान। बेघरों को भी है सिर्फ करना मंदिर निर्माण। यहां भारत की बेटी की जो भी लूटे लाज, फांसी पर टांगो चाहे हो मौलाना या महाराज। इस भारत की भूमि के बडे सुनहरे रंग, हर जाति हर धर्म है इसका अपना अंग।

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