मुक्तक। मुझे  भी  आपके दीदार की चाहत बनी रहती। म

"मुक्तक। मुझे  भी  आपके दीदार की चाहत बनी रहती। मुलाकातें  जो  होती हैं बड़ी राहत बनी रहती।। क़सीदे  काढता  रहता  हुँ  मैं  तेरी मुहब्बत के। सलीके से भरे जीवन की आदत भी बनी रहती।। पंकज शर्मा "तरुण" ©Pankaj sharma Tarun"

 मुक्तक।

मुझे  भी  आपके दीदार की चाहत बनी रहती।

मुलाकातें  जो  होती हैं बड़ी राहत बनी रहती।।

क़सीदे  काढता  रहता  हुँ  मैं  तेरी मुहब्बत के।

सलीके से भरे जीवन की आदत भी बनी रहती।।

पंकज शर्मा "तरुण"

©Pankaj sharma Tarun

मुक्तक। मुझे  भी  आपके दीदार की चाहत बनी रहती। मुलाकातें  जो  होती हैं बड़ी राहत बनी रहती।। क़सीदे  काढता  रहता  हुँ  मैं  तेरी मुहब्बत के। सलीके से भरे जीवन की आदत भी बनी रहती।। पंकज शर्मा "तरुण" ©Pankaj sharma Tarun

# मुक्तक # hindipoetry

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