अब तकलीफ सी होती है हर पल,
मुझे खुद की जिन्दगी जीने में,
अब किसको बताऊं मैं,
कितनी तकलीफ है सीने में,
मेरी हर सोच से पहले समझ जाते थे,
मेरी दुखती पीड़ा पल में हर जाते थे,
उदास जब भी बैठता था मैं कभी,
स्वयं उदास होकर हमें हंसा जाते थे,
अब वो कहां से आशियाना लाऊं,
जिसमें खुशहाल जिन्दगी जी पाते थे,
मेरी सोच से पहले ...........!
मेरी सोच से पहले ...........!