Alok Verma

Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" "" Lives in Lakhimpur, Uttar Pradesh, India

मै तो तनहाईयों में भी महफ़िल खोज लेता हूं।

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White जिस दिन तुम्हारे कदम डोलेंगे, समझ लेना हम रहे ही नहीं, हवा भी मिलेगी जमीं भी मिलेगी, समझ लेना हम रहे ही नहीं, आंख जब भी बंद तुम करो, ख्वाब तेरे मेरे से न मिले तो, हर मोड़ पर और हर घड़ी में, जिन्दगी गम में सिमटने लगे तो, जिस्म में भी जब ये हो कमी, सांस मध्यम हो धड़कने बढ़े तो, समझ लेना हम.................!

 White जिस दिन तुम्हारे कदम डोलेंगे,
समझ लेना हम रहे ही नहीं,
हवा भी मिलेगी जमीं भी मिलेगी,
समझ लेना हम रहे ही नहीं,
आंख जब भी बंद तुम करो,
ख्वाब तेरे मेरे से न मिले तो,
हर मोड़ पर और हर घड़ी में,
जिन्दगी गम में सिमटने लगे तो,
जिस्म में भी जब ये हो कमी,
सांस मध्यम हो धड़कने बढ़े तो,
समझ लेना हम.................!

समझ लेना हम रहे.....!

14 Love

White सही है तेरा अब यूं रहना, हमसे ज्यादा बात ना करना, समय का दोष देता रहा मैं, था किस्मत में अब यूं ही रहना, हमसे ज्यादा बात ना...........! है शिकायत ना तुमसे, ना तुमसे गिला है, जो था लिखा यूं, वही तो मिला है, ना अब कोई गिला है करना, हमसे ज्यादा बात ना..........!

 White सही है तेरा अब यूं रहना,
हमसे ज्यादा बात ना करना,
समय का दोष देता रहा मैं,
था किस्मत में अब यूं ही रहना,
हमसे ज्यादा बात ना...........!
है शिकायत ना तुमसे,
ना तुमसे गिला है,
जो था लिखा यूं,
वही तो मिला है,
ना अब कोई गिला है करना,
हमसे ज्यादा बात ना..........!

हमसे ज्यादा बात ना........!

13 Love

White तोड़कर मुझको यूं बिखेर दिया, जो मेरा था उसने मुझे छोड़ दिया, एक - एक मोती सा फिरोया मुझे, मर रहा था जीना सिखाया मुझे, न जाने कौन सी थी घड़ी मुंह मोड़ लिया, पल भर में ही प्रेम की माला तोड़ दिया, "रसिक" तूने ये कैसा ख्वाब दिया, जो मेरा था उसने मुझे............!

 White तोड़कर मुझको यूं बिखेर दिया,
जो मेरा था उसने मुझे छोड़ दिया,
एक - एक मोती सा फिरोया मुझे,
मर रहा था जीना सिखाया मुझे,
न जाने कौन सी थी घड़ी मुंह मोड़ लिया,
पल भर में ही प्रेम की माला तोड़ दिया,
"रसिक" तूने ये कैसा ख्वाब दिया,
जो मेरा था उसने मुझे............!

जो मेरा था उसने मुझे........!

10 Love

White वक्त बता देता है कि कौन कैसा है, दुनियां में इंसानियत नहीं बस पैसा है, हमने भी देखा है लोगों को एहमियत देकर, लोभी वक्त मिलते ही सब भुला देता है, जिसकी जी हजूरी में उम्र गुजार दी, उस इंसान के लिए तो सब पैसा है, वक्त बता देता है कि................! हर वक्त उसके इसरो पर वक्त बिताया, उसके कहने पर अपना हाल गवाया, देखा नहीं कभी कि मेरी तपतीस कैसी है, मैंने उसकी हर बात पर हामी बनाया, "रसिक" ना समझा कि वो भी ऐसा है, वक्त बता देता हैं कि...............!

 White वक्त बता देता है कि कौन कैसा है,
दुनियां में इंसानियत नहीं बस पैसा है,
हमने भी देखा है लोगों को एहमियत देकर,
लोभी वक्त मिलते ही सब भुला देता है,
जिसकी जी हजूरी में उम्र गुजार दी,
उस इंसान के लिए तो सब पैसा है,
वक्त बता देता है कि................!

हर वक्त उसके इसरो पर वक्त बिताया,
उसके कहने पर अपना हाल गवाया,
देखा नहीं कभी कि मेरी तपतीस कैसी है,
मैंने उसकी हर बात पर हामी बनाया,
"रसिक" ना समझा कि वो भी ऐसा है,
वक्त बता देता हैं कि...............!

वक्त बता देता है कि......!

16 Love

White ईमानदारी का सच्चा पुरस्कार मिला, इस जहां में हर इंसान ईमानदार मिला, जो तरसता था कभी कौड़ियों के लिए, आज वही धन का असली पहरेदार मिला, राजनीति तो कूट-कूट कर भर ली है जिस्म में, यहां अपनों से ही राजनीति का हथियार मिला, जिसके एक इशारे पर घंटो बैठा रहता था मैं, आज वही लात मारने में होशियार मिला, देख "रसिक" तेरी वफ़ा का शिला मिला, मत हैरान हो इस जहां से तू कि क्या मिला, ईमानदारी का सच्चा ..…..............!

 White ईमानदारी का सच्चा पुरस्कार मिला,
इस जहां में हर इंसान ईमानदार मिला,
जो तरसता था कभी कौड़ियों के लिए,
आज वही धन का असली पहरेदार मिला,
राजनीति तो कूट-कूट कर भर ली है जिस्म में,
यहां अपनों से ही राजनीति का हथियार मिला,
जिसके एक इशारे पर घंटो बैठा रहता था मैं,
आज वही लात मारने में होशियार मिला,
देख "रसिक" तेरी वफ़ा का शिला मिला,
मत हैरान हो इस जहां से तू कि क्या मिला,
ईमानदारी का सच्चा ..…..............!

ईमानदारी का पुरस्कार.....!🙏

16 Love

बनठन कर निकला करो तुम राधे जरा सम्भल सम्भल कर, ये दुनियां करें है नजरों की बैमानी रूप बदल बदल कर, मेरा क्या है मैं तो हूं तेरा देखूं तुझे सम्भल सम्भल कर, मैं तो तेरे भले को सोचूं समझाऊं तुझे हर कदम कदम पर, बनठन कर निकला करो तुम राधे ......................................!

 बनठन कर निकला करो तुम राधे जरा सम्भल सम्भल कर,
ये दुनियां करें है नजरों की बैमानी रूप बदल बदल कर,
मेरा क्या है मैं तो हूं तेरा देखूं तुझे  सम्भल सम्भल कर,
मैं तो तेरे भले को सोचूं समझाऊं तुझे हर कदम कदम पर,
बनठन कर निकला करो तुम राधे ......................................!

जरा सम्भल सम्भल कर.....!

13 Love

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