सुबह वह देर तक सोए नहीं। ऑफिस जाने के लिए कुछ कहे | हिंदी कविता Video

"सुबह वह देर तक सोए नहीं। ऑफिस जाने के लिए कुछ कहे नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। बॉस से कुछ कहे नहीं। फिजूल खर्ची वह करे नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। महिला के ग़लत व्यवहार पर कुछ कहे नहीं। कोर्ट में कोई उसका पक्ष सुने नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। थक हार के बस में लेडीज़ से कुछ बोले नहीं। घर आकर दिन का परिश्रम अपने मन से खोले नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। घर की परेशानियाँ देख वह डगर मगर होए नहीं। कुछ भी हो, मुख पर अश्व दिखे नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। ©Hitesh Ahuja "

सुबह वह देर तक सोए नहीं। ऑफिस जाने के लिए कुछ कहे नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। बॉस से कुछ कहे नहीं। फिजूल खर्ची वह करे नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। महिला के ग़लत व्यवहार पर कुछ कहे नहीं। कोर्ट में कोई उसका पक्ष सुने नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। थक हार के बस में लेडीज़ से कुछ बोले नहीं। घर आकर दिन का परिश्रम अपने मन से खोले नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। घर की परेशानियाँ देख वह डगर मगर होए नहीं। कुछ भी हो, मुख पर अश्व दिखे नहीं। मर्द क्यों रोंए नहीं। ©Hitesh Ahuja

#Life #manlife #poem

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