Blue Moon "प्रवचन" आज फिर प्रवचन सुनकर आए हो, क् | हिंदी Poe

"Blue Moon "प्रवचन" आज फिर प्रवचन सुनकर आए हो, क्या मेरे लिए प्रसाद लाए हो? मैं मंदिर में ढूंढता रहा भगवान को, तुम एक और भगवान खोज लाए हो। मीठा बहुत पसन्द है मुझे, क्या तुम साथ लाए हो? करोड़ो की सम्पत्ति है जिसके पास, क्या उसे दान दे आए हो? ज्ञान बहुत बरसा होगा वहां, क्या तुम समेट लाए हो? तुम मूर्ख बने या बुद्धिमान, ये पहचान पाए हो? चल के पैदल आए हो, या बस में धक्के खाए हो। अपनी गरीबी का खुद करो उपचार, भरी भीड़ में क्यों आसुओं से नहाए हो। ©Vikash Kamboj"

 Blue Moon "प्रवचन"

आज फिर प्रवचन सुनकर आए हो,

क्या मेरे लिए प्रसाद लाए हो?

मैं मंदिर में ढूंढता रहा भगवान को,

तुम एक और भगवान खोज लाए हो।


मीठा बहुत पसन्द है मुझे,

क्या तुम साथ लाए हो?

करोड़ो की सम्पत्ति है जिसके पास,

क्या उसे दान दे आए हो?


ज्ञान बहुत बरसा होगा वहां,

क्या तुम समेट लाए हो?

तुम मूर्ख बने या बुद्धिमान,

ये पहचान पाए हो?


चल के पैदल आए हो,

या बस में धक्के खाए हो।

अपनी गरीबी का खुद करो उपचार,

भरी भीड़ में क्यों आसुओं से नहाए हो।

©Vikash Kamboj

Blue Moon "प्रवचन" आज फिर प्रवचन सुनकर आए हो, क्या मेरे लिए प्रसाद लाए हो? मैं मंदिर में ढूंढता रहा भगवान को, तुम एक और भगवान खोज लाए हो। मीठा बहुत पसन्द है मुझे, क्या तुम साथ लाए हो? करोड़ो की सम्पत्ति है जिसके पास, क्या उसे दान दे आए हो? ज्ञान बहुत बरसा होगा वहां, क्या तुम समेट लाए हो? तुम मूर्ख बने या बुद्धिमान, ये पहचान पाए हो? चल के पैदल आए हो, या बस में धक्के खाए हो। अपनी गरीबी का खुद करो उपचार, भरी भीड़ में क्यों आसुओं से नहाए हो। ©Vikash Kamboj

#bluemoon

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