Vikash Kamboj

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Blue Moon "प्रवचन" आज फिर प्रवचन सुनकर आए हो, क्या मेरे लिए प्रसाद लाए हो? मैं मंदिर में ढूंढता रहा भगवान को, तुम एक और भगवान खोज लाए हो। मीठा बहुत पसन्द है मुझे, क्या तुम साथ लाए हो? करोड़ो की सम्पत्ति है जिसके पास, क्या उसे दान दे आए हो? ज्ञान बहुत बरसा होगा वहां, क्या तुम समेट लाए हो? तुम मूर्ख बने या बुद्धिमान, ये पहचान पाए हो? चल के पैदल आए हो, या बस में धक्के खाए हो। अपनी गरीबी का खुद करो उपचार, भरी भीड़ में क्यों आसुओं से नहाए हो। ©Vikash Kamboj

#bluemoon  Blue Moon "प्रवचन"

आज फिर प्रवचन सुनकर आए हो,

क्या मेरे लिए प्रसाद लाए हो?

मैं मंदिर में ढूंढता रहा भगवान को,

तुम एक और भगवान खोज लाए हो।


मीठा बहुत पसन्द है मुझे,

क्या तुम साथ लाए हो?

करोड़ो की सम्पत्ति है जिसके पास,

क्या उसे दान दे आए हो?


ज्ञान बहुत बरसा होगा वहां,

क्या तुम समेट लाए हो?

तुम मूर्ख बने या बुद्धिमान,

ये पहचान पाए हो?


चल के पैदल आए हो,

या बस में धक्के खाए हो।

अपनी गरीबी का खुद करो उपचार,

भरी भीड़ में क्यों आसुओं से नहाए हो।

©Vikash Kamboj

#bluemoon

16 Love

#loversday  अगर मैं देख लूं तुमको तो क्या गुनाह होगा,

तुम्हारा कुछ ना बिगड़ेगा सब मेरा फनाह होगा,

गर्म है इश्क की तासीर ये जान लो तुम भी,

ये दिल यूं ही मचलेगा जब मौसम जवां होगा।

©Vikash Kamboj

#loversday

117 View

White जी भर भी नही देखा उसको और शाम हो गई, मैंने बदन भी नही छुआ और वो बदनाम हो गई, कितनी बुरी है फितरत इस जमाने की, हमने दो लम्हे गुजारे, चर्चा सरेआम हो गई। ©Vikash Kamboj

#Couple  White जी भर भी नही देखा उसको और शाम हो गई,

मैंने बदन भी नही छुआ और वो बदनाम हो गई,

कितनी बुरी है फितरत इस जमाने की,

हमने दो लम्हे गुजारे, चर्चा सरेआम हो गई।

©Vikash Kamboj

#Couple

10 Love

खुशियां महलों से नही, परिवारों से होती है, रौनक बाजारों से नही, खरीदारों से होती है, हमने सुना है मिलता है अपने हिस्से का सबको, बसाहट लूटमारो से नही, ईमानदारों से होती है। ©Vikash Kamboj

#शायरी  खुशियां महलों से नही, परिवारों से होती है,

रौनक बाजारों से नही, खरीदारों से होती है,

हमने सुना है मिलता है अपने हिस्से का सबको,

बसाहट लूटमारो से नही, ईमानदारों से होती है।

©Vikash Kamboj
#शायरी  आपको पूछने की जरूरत ही नही,

ये दुनिया आपकी दिवानी है,

लोग खुद कहेंगे तेरे दीवाने हैं हम,

मुझे हाज़िरी पहली सफ़ में लगानी है।

©Vikash Kamboj

वक्त के मारे हुए लोग अपनी कीमत जानते है, उन्हे खरीदना आसान है, वो दो रोटी में बिक जाते हैं। ©Vikash Kamboj

#price  वक्त के मारे हुए लोग अपनी कीमत जानते है,

उन्हे खरीदना आसान है, वो दो रोटी में बिक जाते हैं।

©Vikash Kamboj

#price

15 Love

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