सोचो, समझो और इसे तुम कर डालो।
बहोत हुआ इंतज़ार अब तो सोच बदल डालो।
बहन, बेटियां डरती हैं,
तुम उनके मन को विश्वास से भर डालो।
लड़ना होगा अब तुम्ही को बेलन छोड़ तलवार उठालो।
ले रूप चंडी का शैतान का संघार कर डालो।
दुर्बल की तुम मदद करो, ज़ालिम को मारो।
बहोत हुआ इंतज़ार अब तो सोच बदल डालो।
©अजय किशोर (दिल की आवाज़)
#Stoprape