सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
मंगलवार की बात बताऊं
एक साजिद साजिश कर, दो बच्चो की,
काट के गरदन छलनी की
ये कैसी गुंडा गर्दी है, सबकी अपनी मन मर्जी है
देख के बच्चो की लाशों को
मां बाप की आहे रोती है
सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
बात है बाबा कालोनी की
जहां पे उसने अनहोनी की
मार के चाकू, काट गला, आयुष की जिंदगी मिट्टी की
सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
देख नजारा अहान है कांपा, दिल से रोए पापा पापा
जब भाई पे उसके वार हुआ
पोंछ के आंसू, वजह को पूछे, पैर पकड़ वो कतली की
सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
करके आंखे लाल लाल वो
बन गया बच्चो का काल वो
खींच के बाल, पटक फर्श पे, रेत गला बेरहमी की
सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
आता देख भाई को तीसरा
खींच के चाकू आंख को मीजा
पीस के दांत, लपक के उसने, कोशिश की बेशर्मी की
सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
पर भाई तीसरा हाथ न आया
लहू का प्यासा मुंह की खाया
फिसल खून पे, गिरा जमीन, फिर मात हुई बेधर्मी की
सुन लो बाबा बजरंगी, कुछ है बाते अतरंगी
मंगलवार की बात बताऊं
एक साजिद साजिश कर, दो बच्चो की
काट के गरदन छलनी की
©VIMALESHYADAV
badayun double murder case