हसीं के पीछे का हर शक्स हसीन नहीं होता सतरंगी कपड़ो | हिंदी Shayari
"हसीं के पीछे का हर शक्स हसीन नहीं होता
सतरंगी कपड़ो में हर शक्स फकीर नहीं होता
छिपे हैं सारे पर्दो की ओंट में
मगर हर पर्दा भी तो रंगीन नहीं होता
एक ही खेल के खिलाड़ी है सब
बस इतना है फरक की
मुखोटा हर किसीका बहतरीन नहीं होता ।"
हसीं के पीछे का हर शक्स हसीन नहीं होता
सतरंगी कपड़ो में हर शक्स फकीर नहीं होता
छिपे हैं सारे पर्दो की ओंट में
मगर हर पर्दा भी तो रंगीन नहीं होता
एक ही खेल के खिलाड़ी है सब
बस इतना है फरक की
मुखोटा हर किसीका बहतरीन नहीं होता ।