आज की बारीश...
दो दिन की बारीश है, और बादल भी गरजता नहीं
क्या मौसम आया है यारों, दिल भी संभलता नहीं
दो दिन की बारिश है यार अब प्यार में मत पड़
हसीन मौसम ही कुछ ऐसा ये दिल समझता नहीं
किसी वक्त में इस बारिश से दिल बहुत नाचता था
बारीश में शायद मिलावट है,जो दिल मचलता नहीं
सोचा बारीश का मौसम है, सब कुछ बिक जायेगा
मगर दिल भी ऐसे टुटा है किसी जगह बिकता नहीं
इस मौसम से हमें फायदा भी कुछ ऐसे हुआ है
बारिश से आँखों के आंसू किसी को दिखता नहीं
कैसा भी हो मौसम, पर इस शायर को लिखना है
मगर कागज पे पानी गिरा अब शेर भी टिकता नहीं
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