खड़ा हूं में तन्हा इस आंसुओं के समंदर में
तेरी कस्ती भी अगर आई तो डूब जायेगी
मेरी जिंदगी का मोल क्या समझेगी तू
तेरी हस्ती भी मेरी तरह इन आसुओं में बह जायेगी !
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
#boatclub# खड़ा हूं में तन्हा इस आंसुओं के समंदर में
तेरी कस्ती भी अगर आई तो डूब जायेगी
मेरी जिंदगी का मोल क्या समझेगी तू
तेरी हस्ती भी मेरी तरह इन आसुओं में बह जायेगी !