White बेशुमार खज़ाने हैं, कुदरत के नज़राने हैं | हिंदी कविता

"White बेशुमार खज़ाने हैं, कुदरत के नज़राने हैं, ये मुक़ाम भी पाने में, हमको लगे ज़माने हैं, बिला जरुरत के सारे, रिश्ते भी बेगाने हैं, ख़बरें सारी दुनिया की, ख़ुद से ही अनजाने हैं, हर कोई इस बस्ती का, कुदरत के दीवाने हैं, ढूढ़ोगे रब कहाँ-कहाँ, कितने और ठिकाने हैं, 'गुंजन' है पहचान यही, हंसी-खुशी पैमाने हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra"

 White बेशुमार   खज़ाने  हैं, 
कुदरत के नज़राने हैं,

ये मुक़ाम भी पाने में, 
हमको लगे ज़माने हैं,

बिला जरुरत के सारे, 
रिश्ते  भी   बेगाने  हैं,

ख़बरें सारी दुनिया की,
ख़ुद से ही अनजाने हैं,

हर कोई इस बस्ती का, 
कुदरत  के  दीवाने  हैं,

ढूढ़ोगे  रब कहाँ-कहाँ,
कितने और ठिकाने हैं,

'गुंजन' है पहचान यही, 
हंसी-खुशी   पैमाने  हैं,
  --शशि भूषण मिश्र 
    'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

White बेशुमार खज़ाने हैं, कुदरत के नज़राने हैं, ये मुक़ाम भी पाने में, हमको लगे ज़माने हैं, बिला जरुरत के सारे, रिश्ते भी बेगाने हैं, ख़बरें सारी दुनिया की, ख़ुद से ही अनजाने हैं, हर कोई इस बस्ती का, कुदरत के दीवाने हैं, ढूढ़ोगे रब कहाँ-कहाँ, कितने और ठिकाने हैं, 'गुंजन' है पहचान यही, हंसी-खुशी पैमाने हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#हँसी ख़ुशी पैमाने हैं#

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