दलदल में नया मकान बनाऊं कैसे
मैं तुम्हे छोड़ आगे बढ़ जाऊ कैसे
शायद रहा होगा आसान तुम्हारे लिए
बरसात मे नया आसरा ढूंढना
मगर मेरा मसला ये है की
आँसूओ की बारिश मे तुम्हारी यादों को जलाऊ कैसे,
©Ashutosh Mishra(निर्वाण)
दलदल में नया मकान बनाऊं कैसे
मैं तुम्हे छोड़ आगे बढ़ जाऊ कैसे
शायद रहा होगा आसान तुम्हारे लिए
बरसात मे नया आसरा ढूंढना