इस वक्त से
उस वक्त तक
वक्त को ही याद रखा है
जबसे समा गई हूँ तुम में
मेरा कहाँ कुछ मेरे पास रखा है
ना आरजू है ना है तलब कोई
ना चाहत ना है मांग नई
दिल और दिमाग को ही
अपना सर्वस्व बना रखा है
जबसे समा गई हूँ तुममें
मेरा कहाँ कुछ मेरे पास रखा है
अब ना ओ तुम ना बुलाओ तुम
ऐसे रहो जैसे गुम हो तुम
चाहत का समुंदर
अपने अंदर बनते देखा है
जबसे समा गई हूँ तुममें
मेरा कहाँ कुछ मेरे पास रखा है.....
मी माझी.....
.....
मी माझी.....
©Sangeeta Kalbhor
#ballet इस वक्त से
उस वक्त तक
वक्त को ही याद रखा है
जबसे समा गई हूँ तुम में
मेरा कहाँ कुछ मेरे पास रखा है
ना आरजू है ना है तलब कोई
ना चाहत ना है मांग नई
दिल और दिमाग को ही