#ग़ज़ल ज़िन्दगी भर साथ देने का कोई वादा | हिंदी शायरी

"#ग़ज़ल ज़िन्दगी भर साथ देने का कोई वादा करे। मेरे दिल पर प्यार से आकर कोई दावा करे। ढूंढता मैं फिर रहा हूँ पर कोई मिलता नही, जो मेरे सुख-दुख को अपने साथ मे साझा करे। है मेरी माँ की दुआओं का असर जो हर घड़ी, रास्ते मे आने वाली हर बला टाला करे। दोस्तों इनसे बड़ा जग में कोई होता नही, उस खुदा से पहले सब माँ-बाप की पूजा करे। गैर अब किसको कहे जब अपने ही हर मोड़ पर, अपना-अपना बोलकर अपनो से ही धोखा करे। अपनी महफ़िल में बुलाकर हर दफा अविनाश को, इल्तजा है आप से उसको न अब रुसवा करे। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448 ©Kavi Awinash singh Amethia"

 #ग़ज़ल
ज़िन्दगी   भर   साथ   देने   का  कोई  वादा  करे।
मेरे  दिल  पर  प्यार  से  आकर  कोई  दावा  करे।

ढूंढता  मैं  फिर  रहा  हूँ  पर  कोई   मिलता  नही,
जो  मेरे  सुख-दुख  को  अपने साथ मे साझा करे।

है  मेरी  माँ  की  दुआओं  का  असर  जो हर घड़ी,
रास्ते    मे    आने   वाली   हर   बला   टाला   करे।

दोस्तों   इनसे   बड़ा   जग   में   कोई   होता  नही,
उस  खुदा  से  पहले  सब  माँ-बाप  की  पूजा करे।

गैर  अब  किसको कहे जब अपने ही हर मोड़ पर,
अपना-अपना  बोलकर  अपनो  से  ही धोखा करे।

अपनी महफ़िल में बुलाकर हर दफा अविनाश को,
इल्तजा  है  आप  से  उसको  न  अब  रुसवा  करे।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448

©Kavi Awinash singh Amethia

#ग़ज़ल ज़िन्दगी भर साथ देने का कोई वादा करे। मेरे दिल पर प्यार से आकर कोई दावा करे। ढूंढता मैं फिर रहा हूँ पर कोई मिलता नही, जो मेरे सुख-दुख को अपने साथ मे साझा करे। है मेरी माँ की दुआओं का असर जो हर घड़ी, रास्ते मे आने वाली हर बला टाला करे। दोस्तों इनसे बड़ा जग में कोई होता नही, उस खुदा से पहले सब माँ-बाप की पूजा करे। गैर अब किसको कहे जब अपने ही हर मोड़ पर, अपना-अपना बोलकर अपनो से ही धोखा करे। अपनी महफ़िल में बुलाकर हर दफा अविनाश को, इल्तजा है आप से उसको न अब रुसवा करे। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448 ©Kavi Awinash singh Amethia

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