तारे आंखों से परदा हटा और मैं साफ़ नज़ारे देख रही ह

"तारे आंखों से परदा हटा और मैं साफ़ नज़ारे देख रही हूँ, आसमान से छटी घटा और मैं सितारें देख रही हूँ.. गौर से सुनना ये टिमटिमाकर कुछ कहना चाहती हैं, ©kajal sinha"

 तारे  आंखों से परदा हटा और मैं साफ़ नज़ारे देख रही हूँ,
आसमान से छटी घटा और मैं सितारें देख रही हूँ..
गौर से सुनना ये टिमटिमाकर कुछ कहना चाहती हैं,

©kajal sinha

तारे आंखों से परदा हटा और मैं साफ़ नज़ारे देख रही हूँ, आसमान से छटी घटा और मैं सितारें देख रही हूँ.. गौर से सुनना ये टिमटिमाकर कुछ कहना चाहती हैं, ©kajal sinha

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