वो रंग कुछ अलग था
वो संग कुछ अलग था
थे जब साथ तुम मेरे
वो रोमरोम कुछ अलग था
आती थी तितलियाँ
सँवारने मुझे
गाते थे भँवरे
लुभाने मुझे
कोयल की कुहकुहाट का
रंगरूप अलग था
थे जब तुम साथ मेरे
वो रोमरोम कुछ अलग था
मैं थी ही नही मेरी
मैं तो हो गई थी तुम्हारी
वही बदन वही रुदन
चढ़ गई थी नई खुमारी
उस वक्त मेरा
साजशृंगार अलग था
थे जब तुम साथ मेरे
वो रोमरोम कुछ अलग था.....
मी माझी.....
©Sangeeta Kalbhor
#Holi वो रंग कुछ अलग था
वो संग कुछ अलग था
थे जब साथ तुम मेरे
वो रोमरोम कुछ अलग था
आती थी तितलियाँ
सँवारने मुझे
गाते थे भँवरे