मुबारक हो रंगों की होली हे,
मीठी गुजिया मिठाई सी बोली हे,
रंगों ने खुशियों से भर दी झोली हे,
गालों पे रंग गुलाल ओ चंदन रोली हे,
गलियों में घूम रही दीवानों की टोली हे,
खेलत झूमत नाचत गावत वृंदावन धाम हे,
रंगों से रंग गए मंदिर द्वार और सुबहो शाम हे,
मथुरा की गलियों में गूंज रहा कृष्ण नाम हे,
काशी मथुरा वृंदावन में सारे देश ने खेली हे,
लजाती भाग रही कृष्ण से बचती सहेली हे,
आनंद रस खूब हो रही हंसी ठिठोली हे,
खुशियों में झूम रहे, खेलत सब होली हे,
आज बिरज में होली है।।।
'खामोश'
©Kshitij Raj
#Holi