सखी मेरे दर्द के पैमाने दर्ज पैमानों को पछाड़ कर न | हिंदी शायरी

"सखी मेरे दर्द के पैमाने दर्ज पैमानों को पछाड़ कर निकले आंखों के देखते-देखते हाथ आए ख्वाब मेरे हाथों से फिसले दंग है फिज़ा भी हवा के झोंके नजदीक से तूफान बन गुजरे सबसे पहले तो करीबी ही मेरे करीब से अनजान बन गुजरे बबली गुर्जर ©Babli Gurjar"

 सखी मेरे दर्द के पैमाने दर्ज पैमानों को पछाड़ कर निकले
आंखों के देखते-देखते हाथ आए ख्वाब मेरे हाथों से फिसले


दंग है फिज़ा भी हवा के झोंके नजदीक से तूफान बन गुजरे
सबसे पहले तो करीबी ही मेरे करीब से अनजान बन गुजरे
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

सखी मेरे दर्द के पैमाने दर्ज पैमानों को पछाड़ कर निकले आंखों के देखते-देखते हाथ आए ख्वाब मेरे हाथों से फिसले दंग है फिज़ा भी हवा के झोंके नजदीक से तूफान बन गुजरे सबसे पहले तो करीबी ही मेरे करीब से अनजान बन गुजरे बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

पैमाने @Neel @R...Ojha @Ravi Ranjan Kumar Kausik @Mili Saha KK क्षत्राणी वंदना ....

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