वासंतिक कविता 🍁
सुहावना मौसम है आया ।
झोली भर कर खुशियां लाया।।
धरा मनहर सुगन्ध महकावे
चहूं दिशी गगन साज सजावे।
मन्द पवन मन को अति भावे
वो ऋतु राज वसन्त कहलावे।।
पेड़ों पर छाई हरियाली
नए नए शाक सजाये डाली।
दृश्य मनोहर मन हर्षावे
पतझड़ बीत वसंत जब आवे।।
बाग बगीचे, वन मुस्काए
फसलें खेतों में लहराएं।
अद्भुत, अदम्य और अनन्त है
सबसे न्यारा यह वसन्त है।।
गगन चूम जब कोयल आवे
अपने मीठे बोल सुनावे।
मन पुलकित, हृदय प्रसन्न है
सबका प्यारा यह वसन्त है।।
Aakash Dwivedi ✍️
©Aakash Dwivedi
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