एक संघर्ष की दुनिया में जी रही एक बेरोजगार पीढ़ी चाट रही किताबों को दीमक की तरह...... रोज़....... दर रोज़ और कर रही इंतजार कि.... चाटी हुई किताबें एक दिन हमारी ख्वाहिशों के ढांचे को......पूरा कर पाएंगी ©Harpinder Kaur # आखिर कब तक? Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto