करो खुद को बुलंद इतना
नये प्रतिमान गड़ने हो,,,,,,,तो खुद के साथ आओ तुम।
तपा कर स्वयं का सीना, बनके दिनकर दिखाओ तुम।।
करो खुद को बुलन्द इतना, सलामी ठोक दे दुनियाँ।
जो कहते हैं नही सम्भव, उसे सम्भव बनाओ तुम।।
जब दुनियाँ में जन्म लिया तो, यूँही नही मिटजाना है।
काल जीतकर, हालातो का, पहला विगुल बजाना हैं।।