मैं आज फिर एक गुनाह करने वाला था तेरी आँखों का चुप | हिंदी Shayari

"मैं आज फिर एक गुनाह करने वाला था तेरी आँखों का चुपके से दीदार करने वाला था तूने सम्हाल दिया मेरे जज़्बातों को वरना कोई सख़्श फिर तुझको प्यार करने वाला था -सौरभ सिंघल ©Saurabh Singhal"

 मैं आज फिर एक गुनाह करने वाला था
तेरी आँखों का चुपके से दीदार करने वाला था
तूने सम्हाल दिया मेरे जज़्बातों को वरना
कोई सख़्श फिर तुझको प्यार करने वाला था
                                                     -सौरभ सिंघल

©Saurabh Singhal

मैं आज फिर एक गुनाह करने वाला था तेरी आँखों का चुपके से दीदार करने वाला था तूने सम्हाल दिया मेरे जज़्बातों को वरना कोई सख़्श फिर तुझको प्यार करने वाला था -सौरभ सिंघल ©Saurabh Singhal

#wetogether

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