Saurabh Singhal

Saurabh Singhal Lives in Singrauli, Madhya Pradesh, India

मोहब्बत के खौफ ने, कायर बना डाला शायरी के शौक ने, शायर बना डाला Insta:-@saurabh_ki_shayri watsapp:-xxxxxxxx52

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ये नववर्ष हमें स्वीकार नहीं..... ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहींनही, है अपना ये त्यौहार नहीं है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये व्यवहार नहीं धरा ठिठुरती है सर्दी से ,आकाश में कोहरा गहरा है बाग़ बाज़ारों की सरहद पर ,सर्द हवा का पहरा है सूना है प्रकृति का आँगन, कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं हर कोई है घर में दुबका हुआ ,नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं चंद मास अभी इंतज़ार करो ,निज मन में तनिक विचार करो नये साल नया कुछ हो तो सही ,क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही उल्लास मंद है जन -मन का ,आयी है अभी बहार नहीं ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं ,है अपना ये त्यौहार नहीं ये धुंध कुहासा छंटने दो ,रातों का राज्य सिमटने दो प्रकृति का रूप निखरने दो ,फागुन का रंग बिखरने दो प्रकृति दुल्हन का रूप धार, जब स्नेह – सुधा बरसायेगी शस्य – श्यामला धरती माता, घर -घर खुशहाली लायेगी तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि, नव वर्ष मनाया जायेगा आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर ,जय गान सुनाया जायेगा युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध, नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध आर्यों की कीर्ति सदा -सदा, नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अनमोल विरासत के धनिकों को, चाहिये कोई उधार नहीं ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं ,है अपना ये त्यौहार नहीं है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं -रामधारी सिंह'दिनकर' ©Saurabh Singhal

 ये नववर्ष हमें स्वीकार नहीं..... 

ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहींनही, है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से ,आकाश में कोहरा गहरा है
बाग़ बाज़ारों की सरहद पर ,सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृति का आँगन, कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं
हर कोई है घर में दुबका हुआ ,नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो ,निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही ,क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही
उल्लास मंद है जन -मन का ,आयी है अभी बहार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं ,है अपना ये त्यौहार नहीं
ये धुंध कुहासा छंटने दो ,रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो ,फागुन का रंग बिखरने दो
प्रकृति दुल्हन का रूप धार, जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता, घर -घर खुशहाली लायेगी
तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि, नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर ,जय गान सुनाया जायेगा
युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध, नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध
आर्यों की कीर्ति सदा -सदा, नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
अनमोल विरासत के धनिकों को, चाहिये कोई उधार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं ,है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं

                                                -रामधारी सिंह'दिनकर'

©Saurabh Singhal

#2021

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मैं आज फिर एक गुनाह करने वाला था तेरी आँखों का चुपके से दीदार करने वाला था तूने सम्हाल दिया मेरे जज़्बातों को वरना कोई सख़्श फिर तुझको प्यार करने वाला था -सौरभ सिंघल ©Saurabh Singhal

#wetogether  मैं आज फिर एक गुनाह करने वाला था
तेरी आँखों का चुपके से दीदार करने वाला था
तूने सम्हाल दिया मेरे जज़्बातों को वरना
कोई सख़्श फिर तुझको प्यार करने वाला था
                                                     -सौरभ सिंघल

©Saurabh Singhal

#wetogether

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नारी का सम्मान हमारी पहली जिम्मेदारी थी माता या बहनों के जैसी सबसे रिश्तेदारी थी इतिहास के पन्नों में भारत ऐसा नहीं जाना जाता पोस्टर और मोमबत्ती से कभी इंसाफ नहीं मांगा जाता -सौरभ सिंघल

#Stoprape  नारी का सम्मान हमारी पहली जिम्मेदारी थी
माता या बहनों के जैसी सबसे रिश्तेदारी थी
इतिहास के पन्नों में भारत ऐसा नहीं जाना जाता
पोस्टर और मोमबत्ती से कभी इंसाफ नहीं मांगा जाता
                             -सौरभ सिंघल

#Stoprape

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इस नई सदी में भारत की बेटी क्यूं कोसी जाती है चमक धमक अश्लीलता की रोटी क्यूं परोसी जाती है जस्टिस फॉर समवन के पोस्टर कब तक तुम दिखाओगे तुम अपनी बहनों की रक्षा में कब हथियार उठाओगे हथियार नहीं उठता तो उसका साथ मांगना बंद करो पोस्टर बैनर मोमबत्ती से इंसाफ मांगना बंद करो -सौरभ सिंघल

 इस नई सदी में भारत की बेटी क्यूं कोसी जाती है
चमक धमक अश्लीलता की रोटी क्यूं परोसी जाती है
जस्टिस फॉर समवन के पोस्टर कब तक तुम दिखाओगे
तुम अपनी बहनों की रक्षा में कब हथियार उठाओगे
हथियार नहीं उठता तो उसका साथ मांगना बंद करो
पोस्टर बैनर मोमबत्ती से इंसाफ मांगना बंद करो
                                         -सौरभ सिंघल

इस नई सदी में भारत की बेटी क्यूं कोसी जाती है चमक धमक अश्लीलता की रोटी क्यूं परोसी जाती है जस्टिस फॉर समवन के पोस्टर कब तक तुम दिखाओगे तुम अपनी बहनों की रक्षा में कब हथियार उठाओगे हथियार नहीं उठता तो उसका साथ मांगना बंद करो पोस्टर बैनर मोमबत्ती से इंसाफ मांगना बंद करो -सौरभ सिंघल

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फिर जागेंगे किसी दिन तुम्हारी याद में रात भर ..... आज वक़्त सोने का है

#lightindark  फिर जागेंगे किसी दिन
 तुम्हारी याद में रात भर .....

आज वक़्त सोने का है

#lightindark

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