सुसंस्कृत, सुसमृद्ध, सुमधुर है अपनी हिंदी, सबकी जब

"सुसंस्कृत, सुसमृद्ध, सुमधुर है अपनी हिंदी, सबकी जबां पर चढ़ जाये ऐसी सहज सरल है हिंदी, सब भाषाओं की बड़ी बहन है, एक सूत्र मे सबको पिरोती, संस्कृत भाषा से जन्मी है, संस्कृति को खुद मे संजोती, गीतों का आधार है हिंदी, भावो का संचार है हिंदी, संपर्क भाषा यह भारतवर्ष की, विकास का विस्तार है हिंदी। नेहा गुप्ता"

 सुसंस्कृत, सुसमृद्ध, सुमधुर है अपनी हिंदी,
सबकी जबां पर चढ़ जाये ऐसी सहज सरल है हिंदी,
सब भाषाओं की बड़ी बहन है,
एक सूत्र मे सबको पिरोती,
संस्कृत भाषा से जन्मी है,
संस्कृति को खुद मे संजोती,
गीतों का आधार है हिंदी,
भावो का संचार है हिंदी,
संपर्क भाषा यह भारतवर्ष की,
विकास का विस्तार है हिंदी।

नेहा गुप्ता

सुसंस्कृत, सुसमृद्ध, सुमधुर है अपनी हिंदी, सबकी जबां पर चढ़ जाये ऐसी सहज सरल है हिंदी, सब भाषाओं की बड़ी बहन है, एक सूत्र मे सबको पिरोती, संस्कृत भाषा से जन्मी है, संस्कृति को खुद मे संजोती, गीतों का आधार है हिंदी, भावो का संचार है हिंदी, संपर्क भाषा यह भारतवर्ष की, विकास का विस्तार है हिंदी। नेहा गुप्ता

#Hindidiwas

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