White सखी मन अब भी बारिशों की सहर में बरसती दोपहर | हिंदी शायरी

"White सखी मन अब भी बारिशों की सहर में बरसती दोपहर में चाय का बहाना ढूंढ़ता है टपरी तले बैठकों का ठिकाना ढूंढता है पंख लगा कर गुजर चुके समय के निशान ढूंढता है दिल फिर से वही बेहद खुशगवार सुबह-शाम ढूंढता है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar"

 White सखी मन अब भी बारिशों की सहर में 
बरसती दोपहर में चाय का बहाना ढूंढ़ता है 
टपरी तले बैठकों का ठिकाना ढूंढता है 
पंख लगा कर गुजर चुके समय के निशान ढूंढता है 
दिल फिर से वही बेहद खुशगवार सुबह-शाम ढूंढता है
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

White सखी मन अब भी बारिशों की सहर में बरसती दोपहर में चाय का बहाना ढूंढ़ता है टपरी तले बैठकों का ठिकाना ढूंढता है पंख लगा कर गुजर चुके समय के निशान ढूंढता है दिल फिर से वही बेहद खुशगवार सुबह-शाम ढूंढता है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

#sad_shayari Dayal "दीप, Goswami.. @Mili Saha @Lalit Saxena @Ravi Ranjan Kumar Kausik @Bhardwaj Only Budana वंदना ....

People who shared love close

More like this

Trending Topic