हाँ में हाँ है, ना में ना है, झूठी कसमें प्रेम कह | हिंदी कविता

"हाँ में हाँ है, ना में ना है, झूठी कसमें प्रेम कहाँ है, मन भरमाये यहाँ वहाँ है, ढूँढी खुशियाँ जहाँ तहाँ है, बंद है आँखें दृष्टि कहाँ है, तन्मयता से ढूँढ जहाँ है, अंतर्मन यह दर्द सहा है, भवसागर में जब नौका है, ज्ञान से गुंजन पार हुआ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra"

 हाँ में हाँ है,
ना में ना है, 
झूठी कसमें
प्रेम कहाँ है,
मन भरमाये
यहाँ वहाँ है,

ढूँढी खुशियाँ
जहाँ तहाँ है,
बंद है आँखें
दृष्टि कहाँ है,
तन्मयता से
ढूँढ जहाँ है,

अंतर्मन यह
दर्द  सहा है,
भवसागर में
जब नौका है, 
ज्ञान से गुंजन
पार  हुआ  है,
--शशि भूषण 
  मिश्र 'गुंजन'
  प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

हाँ में हाँ है, ना में ना है, झूठी कसमें प्रेम कहाँ है, मन भरमाये यहाँ वहाँ है, ढूँढी खुशियाँ जहाँ तहाँ है, बंद है आँखें दृष्टि कहाँ है, तन्मयता से ढूँढ जहाँ है, अंतर्मन यह दर्द सहा है, भवसागर में जब नौका है, ज्ञान से गुंजन पार हुआ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#प्रेम कहाँ है#

People who shared love close

More like this

Trending Topic