सुना कर किस्से दोस्तों को अपने मुहब्बत की,
हमने इश्क़ को अपने सरेआम कर दिया ।।
कई मिन्नतों के बाद पाया था जिस खुदा को,
भरे महफ़िल में उसे नीलाम कर दिया ।।
छोड़ कर चली क्या गई ओ दामन मेरी..।।2।।
कह कर बुरा उसे हमने ,
अपने इश्क़ को ही बदनाम कर दिया ।।
©Bipin Kuma
@KT verma