वो सर्द मौसम की सुबह सी मैं
तुम गुनगुना धूप बन जाना
जब जब जरूरत पडे़ मुझे तेरी
चुपके से आकर हाथ थाम लेना
देखेंगे कभी साथ में सुनहरी किरणों को
तुम मेरी जज्बात की शाम बन जाना
निगाहों से निहारेंगे घुमणरते बादल को
तुम मेरी सरसराती आँचल बन जाना ।
©Deepmala Pandey Raipur
हाथों में हाथ