चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें | हिंदी कविता

"चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब, एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब, तब बिन कुछ बोले, जुल्फें खोले आ थम जा इन बाहों में, तारों के फूल है खिले जहाँ बादल के गाँव है राहों में। वहाँ वक्त की सारी बंदिश से, ज़रा दूर मेरे इकरार चलें। चल चलें चाँद के पार चलें, आ जा हमदम एक बार चलें। उस फ़लक को करके पार वहाँ, चलते हैं ऐसे देस सनम, तितली-तितली ,पत्ता-पत्ता ,खुशबू-खुशबू जहाँ होंगे हम। जहाँ हवा मोहब्बत गाएगी, बारिश भी इश्क सुनाएगी। जहाँ लैला बनकर रात सुबह के मजनूँ में ढल जायेगी। जहाँ सही न हो, न गलत हो कुछ, चल वहाँ मेरे दिलदार चलें। चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें। जहाँ धूप के पीले पन्नों पर, हम रोज नया इक राज़ लिखें। इबादत ,ख्वाब ,हकीकत, प्यार के सब के सब अंदाज़ लिखें। और हो जायें दीवाने यूँ, कि वक्त थके ,धडकनें थमें, खुद खुदा रोक दे जब सब कुछ , तब भी अपना ये प्यार चले। सदियों तक रूह तके तुझको, सदियों तक ये दीदार चले। दिल कभी न जीत सके तुझसे, इतनी लंबी ये हार चले। चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें|"

 चल चलें, चाँद के पार चलें।
आ जा हमदम एक बार चलें 

बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब,
एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब,
तब बिन कुछ बोले, जुल्फें खोले
आ थम जा इन बाहों में,
तारों के फूल है खिले जहाँ
बादल के गाँव है राहों में।
वहाँ वक्त की सारी बंदिश से, ज़रा दूर मेरे इकरार चलें।
चल चलें चाँद के पार चलें,
आ जा हमदम एक बार चलें।


उस फ़लक को करके पार वहाँ, चलते हैं ऐसे  देस सनम,
तितली-तितली ,पत्ता-पत्ता ,खुशबू-खुशबू जहाँ होंगे हम।
जहाँ हवा मोहब्बत गाएगी, बारिश भी इश्क सुनाएगी।
जहाँ लैला बनकर रात सुबह के मजनूँ में ढल जायेगी।
जहाँ सही न हो, न गलत हो कुछ, चल वहाँ मेरे दिलदार चलें।
चल चलें, चाँद के पार चलें।
आ जा हमदम एक बार चलें।

  
जहाँ धूप के पीले पन्नों पर, हम रोज नया इक राज़ लिखें।
इबादत ,ख्वाब ,हकीकत,
प्यार के सब के सब अंदाज़ लिखें।
और हो जायें दीवाने यूँ, कि वक्त थके ,धडकनें थमें,
खुद खुदा रोक दे जब सब कुछ , तब भी अपना ये प्यार चले।
सदियों तक रूह तके तुझको,
सदियों तक ये दीदार चले।
दिल कभी न जीत सके तुझसे, इतनी लंबी ये हार चले।
चल चलें, चाँद के पार चलें।
आ जा हमदम एक बार चलें|

चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब, एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब, तब बिन कुछ बोले, जुल्फें खोले आ थम जा इन बाहों में, तारों के फूल है खिले जहाँ बादल के गाँव है राहों में। वहाँ वक्त की सारी बंदिश से, ज़रा दूर मेरे इकरार चलें। चल चलें चाँद के पार चलें, आ जा हमदम एक बार चलें। उस फ़लक को करके पार वहाँ, चलते हैं ऐसे देस सनम, तितली-तितली ,पत्ता-पत्ता ,खुशबू-खुशबू जहाँ होंगे हम। जहाँ हवा मोहब्बत गाएगी, बारिश भी इश्क सुनाएगी। जहाँ लैला बनकर रात सुबह के मजनूँ में ढल जायेगी। जहाँ सही न हो, न गलत हो कुछ, चल वहाँ मेरे दिलदार चलें। चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें। जहाँ धूप के पीले पन्नों पर, हम रोज नया इक राज़ लिखें। इबादत ,ख्वाब ,हकीकत, प्यार के सब के सब अंदाज़ लिखें। और हो जायें दीवाने यूँ, कि वक्त थके ,धडकनें थमें, खुद खुदा रोक दे जब सब कुछ , तब भी अपना ये प्यार चले। सदियों तक रूह तके तुझको, सदियों तक ये दीदार चले। दिल कभी न जीत सके तुझसे, इतनी लंबी ये हार चले। चल चलें, चाँद के पार चलें। आ जा हमदम एक बार चलें|

चल चलें, चाँद के पार चलें।

आ जा हमदम एक बार चलें 


बर्फ़ीली मस्त हवाओं के पंखों पे रात ये गुज़रे जब,

एक ख्वाब की कश्ती आँखों के, बहते दरिया में उतरे जब,

People who shared love close

More like this

Trending Topic