आज अगर बेटियां समझ से जेब से भावनाओ से कमज़ोर रहती है तो वे कमज़ोरी है हमारे भाईयो की पिताओं की हमारी संस्कृति धर्म की।
Dear parents. बेटियो को अक्षर ज्ञान ही ज़रूरी है तो आपको हमसे ज्यादा ज्ञान है आप ही क्यों नही ज्यादा कमा लेते ताकि हमारे सर से ये कमाने का भूत तो उतर जाए।
हमें भी अपना नाम बनाना है, घर में सम्मान पाना है,
हमे प्यार में ही नही पड़ना, सजना ही नही है,घर के कामों में मारे ही नही जाना है। साथ दे दो हमारा भी भाई पिता।😡
बहनें पढ़ती है तो उनको घर के काम में ना लगाना जितनी जिम्मेदारी मां पिता की है उससे कई ज्यादा भाई की है क्योंकि वो खुद को रक्षक मानता है बहन का
तो आज के समय में यही रक्षा होगी आपकी बहनों की।