White सुनो... खत मिला तुम्हारा...
रंगों से भरा... कोमल अहसास लिए
तितलियों के संग, जाने कितने वनवास लिए
हृदय में बसन्त की सुवास लिए...।
देखो न... दूसरा खत भी पहुंच गया...
कागज़ की नाव संग... बचपन की प्यास लिए
बारिश में भीगी किसी, रमणी का उच्छवास लिए
हृदय में प्रेम की मिठास लिए...।
ये देखो... तुम्हारा तीसरा खत मिला मुझे...
सांसों में घुलता... अमरत्व का अहसास लिए
अदरक की कड़वाहट, इलाइची सा उल्लास लिए
ठिठुरती ठंड में गर्मी का लिबास लिए...।
और हां सुनो न... तुम्हारा चौथा खत मिला मुझे...
कोई दुःख न छू पाएगा... ऐसा विश्वास लिए
तेरा मुझसे दूर होने का, भावों में त्रास लिए
जल्द ही मिलेंगे कुछ ऐसी आस लिए...।
और देखो न...
आज भी बैठी हूं पांचवे खत से कुछ खास लिए
अपनी हथेलियों में... तेरी उंगलियों का हमास लिए
हवाओं में घुलती तेरी, सांसों का अहसास लिए
हां...तेरे ख्वाबों का उजास लिए...।
हां...मिले खत तुम्हारे...तुम्हारा अहसास लिए...।
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©Neel
सुनो... खत मिला तुम्हारा 🍁