Autumn अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो कहते फिर | English Shayari

"Autumn अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो कहते फिरते है अक्सर हमें ,ये तेरा घर नहीं, बस एक आशियाना मुझे खुद का बनाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो घूरती है आवारा नजरे हर जगह, उस हर एक नजरो को अपने शोहरत से झुकाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो करते है लड़के और लड़कियों में फर्क, उस सोच को ही जड़ से उखाड़ कर मिटाना है। एक शिक्षा का पाठशाला खोल जाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो रोधी जाती है किसी की बेटी ,बहन ज्ञान के अभावों में एक ज्ञान का प्रकाश हर जगह फैलाना है अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। लड़के और लड़कियां समान हो हर जगह एक ऐसा ही सोच हर जगह बनाना है। हर जगह शिक्षित हो नारी ,बस ऐसा ही कर जाना है अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। किसी की बेटी,किसी की बहन ,किसी की पत्नी या बहू बनकर ही नही रह जाना है, अपना एक अलग पहचान बनाना है ,अपना नाम कमाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। ©Nidhi Verma"

 Autumn अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
वो जो कहते फिरते है अक्सर हमें ,ये तेरा घर नहीं,
बस एक आशियाना मुझे खुद का बनाना है।
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
वो जो घूरती है आवारा नजरे हर जगह,
उस हर एक नजरो को अपने शोहरत से झुकाना है।
अभी मुझे और ज्यादा  कमाना है।
वो जो करते है लड़के और लड़कियों में फर्क,
उस सोच को ही जड़ से उखाड़ कर मिटाना है।
एक शिक्षा का पाठशाला खोल जाना है।
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
वो जो रोधी जाती है किसी की बेटी ,बहन ज्ञान के अभावों में
 एक ज्ञान का प्रकाश हर जगह फैलाना है
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
लड़के और लड़कियां समान हो हर जगह
एक ऐसा ही सोच हर जगह बनाना है।
हर जगह शिक्षित हो नारी ,बस ऐसा ही कर जाना है
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
किसी की बेटी,किसी की बहन ,किसी की पत्नी या
बहू बनकर ही नही रह जाना है,
अपना एक अलग पहचान बनाना है ,अपना नाम कमाना है।
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।

©Nidhi Verma

Autumn अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो कहते फिरते है अक्सर हमें ,ये तेरा घर नहीं, बस एक आशियाना मुझे खुद का बनाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो घूरती है आवारा नजरे हर जगह, उस हर एक नजरो को अपने शोहरत से झुकाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो करते है लड़के और लड़कियों में फर्क, उस सोच को ही जड़ से उखाड़ कर मिटाना है। एक शिक्षा का पाठशाला खोल जाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो रोधी जाती है किसी की बेटी ,बहन ज्ञान के अभावों में एक ज्ञान का प्रकाश हर जगह फैलाना है अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। लड़के और लड़कियां समान हो हर जगह एक ऐसा ही सोच हर जगह बनाना है। हर जगह शिक्षित हो नारी ,बस ऐसा ही कर जाना है अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। किसी की बेटी,किसी की बहन ,किसी की पत्नी या बहू बनकर ही नही रह जाना है, अपना एक अलग पहचान बनाना है ,अपना नाम कमाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। ©Nidhi Verma

#अभी_मुझे_और_ज्यादा_कमाना_है

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