Nidhi Verma

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शायर नही हूं मैं कोई,बस अपने अल्फाज लिखती हूं,कुछ अपने जज़्बात लिखती हूं।

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White दिल का कोई कोना इतना उदास क्यों है? ना जाने कोई इतना खास क्यों है? ना होकर भी पास मेरे, वो रहता हर पल मेरे साथ क्यों है?? ©Nidhi Verma

#क्यों #इतना #sad_shayari #खास #Quotes  White दिल का कोई कोना इतना उदास क्यों है?
ना जाने कोई इतना खास क्यों है?
ना होकर भी पास मेरे,
वो रहता हर पल मेरे साथ क्यों है??

©Nidhi Verma

क्या तुम्हें कभी महसूस नहीं हुई मेरी कमी?? या कभी मैं तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा थी ही नहीं?? क्या इतने बुरे थे हम? जो तुम्हें कभी मेरा खयाल आया ही नहीं ?? 🙂 ©Nidhi Verma

#क्या #इतने #बुरे #हम💃 #Quotes  क्या तुम्हें कभी महसूस नहीं हुई मेरी कमी??
या कभी मैं तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा थी ही नहीं??
क्या इतने बुरे थे हम?
जो तुम्हें कभी मेरा खयाल आया ही  नहीं ??
🙂

©Nidhi Verma

Autumn अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो कहते फिरते है अक्सर हमें ,ये तेरा घर नहीं, बस एक आशियाना मुझे खुद का बनाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो घूरती है आवारा नजरे हर जगह, उस हर एक नजरो को अपने शोहरत से झुकाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो करते है लड़के और लड़कियों में फर्क, उस सोच को ही जड़ से उखाड़ कर मिटाना है। एक शिक्षा का पाठशाला खोल जाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। वो जो रोधी जाती है किसी की बेटी ,बहन ज्ञान के अभावों में एक ज्ञान का प्रकाश हर जगह फैलाना है अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। लड़के और लड़कियां समान हो हर जगह एक ऐसा ही सोच हर जगह बनाना है। हर जगह शिक्षित हो नारी ,बस ऐसा ही कर जाना है अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। किसी की बेटी,किसी की बहन ,किसी की पत्नी या बहू बनकर ही नही रह जाना है, अपना एक अलग पहचान बनाना है ,अपना नाम कमाना है। अभी मुझे और ज्यादा कमाना है। ©Nidhi Verma

#अभी_मुझे_और_ज्यादा_कमाना_है  Autumn अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
वो जो कहते फिरते है अक्सर हमें ,ये तेरा घर नहीं,
बस एक आशियाना मुझे खुद का बनाना है।
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
वो जो घूरती है आवारा नजरे हर जगह,
उस हर एक नजरो को अपने शोहरत से झुकाना है।
अभी मुझे और ज्यादा  कमाना है।
वो जो करते है लड़के और लड़कियों में फर्क,
उस सोच को ही जड़ से उखाड़ कर मिटाना है।
एक शिक्षा का पाठशाला खोल जाना है।
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
वो जो रोधी जाती है किसी की बेटी ,बहन ज्ञान के अभावों में
 एक ज्ञान का प्रकाश हर जगह फैलाना है
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
लड़के और लड़कियां समान हो हर जगह
एक ऐसा ही सोच हर जगह बनाना है।
हर जगह शिक्षित हो नारी ,बस ऐसा ही कर जाना है
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।
किसी की बेटी,किसी की बहन ,किसी की पत्नी या
बहू बनकर ही नही रह जाना है,
अपना एक अलग पहचान बनाना है ,अपना नाम कमाना है।
अभी मुझे और ज्यादा कमाना है।

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ए जिंदगी खुल के,तुझे जीना चहती हूं। तुझे हंस के गले लगाना चाहती हूं। कुछ अधूरे ख़्वाब,पूरा करना चाहती हूं। कुछ नए सपने,बुनना चाहती हूं। ए जिंदगी खुल के,तुझे जीना चाहती हूं। ©Nidhi Verma

#ए_जिंदगी  ए जिंदगी खुल के,तुझे जीना चहती हूं।
तुझे हंस के गले लगाना चाहती हूं।
कुछ अधूरे ख़्वाब,पूरा करना चाहती हूं।
कुछ नए सपने,बुनना चाहती हूं।
ए जिंदगी खुल के,तुझे जीना चाहती हूं।

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ज़िंदगी धूप छांव की तरह हैं। कभी धूप की तरह तपाती हैं,तो कभी छांव की तरह सुकून दे जाती हैं। कभी खुशी की सौगात लाती हैं,तो कभी ढेर सारी दुःख दे जाती हैं। ©Nidhi Verma

#धूप_छांव  ज़िंदगी धूप छांव की तरह हैं।
कभी धूप की तरह तपाती हैं,तो 
कभी छांव की तरह सुकून दे जाती हैं।
कभी खुशी की सौगात लाती हैं,तो 
कभी ढेर सारी दुःख दे जाती हैं।

©Nidhi Verma

याद आ रहा हैं, तेरा चुपके से देखना। याद आ रहा हैं, तेरा मेरे आंखों के सामने रहना। याद आ रहा हैं, तेरा गुमसुम सा रहना। याद आ रहा हैं, तेरा किसी के लिए रोना। याद आ रहा हैं, तेरे दिल की हर एक तड़प। याद आ रहा हैं, तेरा एकटक मुझे देखना। याद आ रहा हैं, तेरा मुझसे दोस्ती होना। याद आ रहा हैं, तेरा बिन कहे चले जाना। याद आ रहा हैं, तू बहुत याद आ रहा हैं। ©Nidhi Verma

#याद_आ_रहा_हैं  याद आ रहा हैं,
तेरा चुपके से देखना।
याद आ रहा हैं,
तेरा मेरे आंखों के सामने रहना।
याद आ रहा हैं,
तेरा गुमसुम सा रहना।
याद आ रहा हैं,
तेरा किसी के लिए रोना।
याद आ रहा हैं,
तेरे दिल की हर एक तड़प।
याद आ रहा हैं,
तेरा एकटक मुझे देखना।
याद आ रहा हैं,
तेरा मुझसे दोस्ती होना।
याद आ रहा हैं,
तेरा बिन कहे चले जाना।
याद आ रहा हैं,
तू बहुत याद आ रहा हैं।

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