बार बार हारता हूँ हारता भी कहाँ... चलते चलते राह

"बार बार हारता हूँ हारता भी कहाँ... चलते चलते राह ही मिट जाती है जैसे! अनायास आते है मोड़ और मुड़ जाता हूँ मैं चाहे अनचाहे हर नये मोड़ पर खुलता है एक नया रास्ता अनजाना सा... डर सा लगता है कभी कभी ये तो वो तयशुदा राह नहीं इस से हो कर आने वाली मंज़िल मेरी देखी भाली, चुनी हुई भी नहीं डरना, पर डर के चश्में से न देखना रास्ते को मुड़ जाना — जब मुड़ना ही एकमात्र विकल्प हो हर मंज़िल हमारी अपनी तय की हो — ज़रूरी नहीं है तुम बस रास्ता देख सकने वाली नज़र को धुँधलाने न देना! चल सकने वाले कदमों को लड़खड़ाने न देना। #ज़िंदगी_सीखा_रही_है ©Chandan Sharma Virat"

 बार बार हारता हूँ 
हारता भी कहाँ...
चलते चलते राह ही 
मिट जाती है जैसे!

अनायास आते है मोड़ 
और मुड़ जाता हूँ मैं 
चाहे अनचाहे 

हर नये मोड़ पर खुलता है 
एक नया रास्ता 
अनजाना सा...

डर सा लगता है कभी कभी 
ये तो वो तयशुदा राह नहीं 
इस से हो कर आने वाली मंज़िल 
मेरी देखी भाली, चुनी हुई भी नहीं 

डरना, पर डर के चश्में से न देखना रास्ते को 
मुड़ जाना — जब मुड़ना ही एकमात्र विकल्प हो 
हर मंज़िल हमारी अपनी तय की हो — ज़रूरी नहीं है 

तुम बस रास्ता देख सकने वाली नज़र को धुँधलाने न देना!
चल सकने वाले कदमों को लड़खड़ाने न देना।

#ज़िंदगी_सीखा_रही_है

©Chandan Sharma Virat

बार बार हारता हूँ हारता भी कहाँ... चलते चलते राह ही मिट जाती है जैसे! अनायास आते है मोड़ और मुड़ जाता हूँ मैं चाहे अनचाहे हर नये मोड़ पर खुलता है एक नया रास्ता अनजाना सा... डर सा लगता है कभी कभी ये तो वो तयशुदा राह नहीं इस से हो कर आने वाली मंज़िल मेरी देखी भाली, चुनी हुई भी नहीं डरना, पर डर के चश्में से न देखना रास्ते को मुड़ जाना — जब मुड़ना ही एकमात्र विकल्प हो हर मंज़िल हमारी अपनी तय की हो — ज़रूरी नहीं है तुम बस रास्ता देख सकने वाली नज़र को धुँधलाने न देना! चल सकने वाले कदमों को लड़खड़ाने न देना। #ज़िंदगी_सीखा_रही_है ©Chandan Sharma Virat

#gaon#बार_बार_हारता_हूँ
#ज़िंदगी_सीखा_रही_है

People who shared love close

More like this

Trending Topic