White शीर्षक:: पत्रकार की जिंदगी की सारा दिन थक | हिंदी Poetry Video

"White शीर्षक:: पत्रकार की जिंदगी की सारा दिन थक हार के चलते फिर भी सीना तान के अपनी जान को हाथ पर रख कर रहते सच निकाल के ना धूप छाव का है ख्याल कोई कभी बन जाती जिंदगी सवाल कोई इस डिजिटल होते दौर में क्या करू किसी से मलाल कोई की घर में ज्यादा टिक नहीं पाता लेकिन फर्ज सभी (भाई,बाप, बेटा) का निभाता हूं जब _जब हो बात धर्म _अधर्म की मैं सबसे पहले आता हूं इन आती जाती सरकारों से बोलो अब तो क्या कहना है मैं बन जाऊ नाद आपकी,फिर सबको हक दिलाता हूं By......शायर ......गुमनाम ©ajay kumar jabdoliya ©aazad parinda "

White शीर्षक:: पत्रकार की जिंदगी की सारा दिन थक हार के चलते फिर भी सीना तान के अपनी जान को हाथ पर रख कर रहते सच निकाल के ना धूप छाव का है ख्याल कोई कभी बन जाती जिंदगी सवाल कोई इस डिजिटल होते दौर में क्या करू किसी से मलाल कोई की घर में ज्यादा टिक नहीं पाता लेकिन फर्ज सभी (भाई,बाप, बेटा) का निभाता हूं जब _जब हो बात धर्म _अधर्म की मैं सबसे पहले आता हूं इन आती जाती सरकारों से बोलो अब तो क्या कहना है मैं बन जाऊ नाद आपकी,फिर सबको हक दिलाता हूं By......शायर ......गुमनाम ©ajay kumar jabdoliya ©aazad parinda

पत्रकार की जिंदगी

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