aazad parinda

aazad parinda

आज लिखेंगे हम कल

shayar.com

  • Latest
  • Popular
  • Video
#fathers_day  White अर्ज किया है कि 
ये घर बार,दरों दीवार सब तेरे है
ये प्यार,व्यार संस्कार सब तेरे है 
और होते होंगे लोग लालची तेरे धन के मगर
हम तो जैसे है,किरायेदार सब तेरे है 
कर कर खून पानी अपना सब पौधे लगाए तेरे है
तेरी बरसी रहमत के शुक्रगुजार सब तेरे है
एक इल्तज़ा करके रब से,यही मिन्नत सब ने मांगी है
रहे सलामत नायक घर का,हर कोई सहारे तेरे है
ये घर बार,दरों दीवार सब तेरे है.......(2)
(एक रूप पिता का.............ऐसा भी)
By...... शायर...... गुमनाम

©aazad parinda

#fathers_day by... शायर......गुमनाम

108 View

 White    शीर्षक:: पत्रकार की जिंदगी
की
सारा दिन थक हार के
चलते फिर भी सीना तान के
अपनी जान को हाथ पर रख कर
रहते सच निकाल के
ना धूप छाव का है ख्याल कोई
कभी बन जाती जिंदगी सवाल कोई
इस डिजिटल होते दौर में 
क्या करू किसी से मलाल कोई
की घर में ज्यादा टिक नहीं पाता 
लेकिन फर्ज सभी (भाई,बाप, बेटा) का निभाता हूं 
जब _जब हो बात धर्म _अधर्म की
मैं सबसे पहले आता हूं 
इन आती जाती सरकारों से बोलो अब तो क्या कहना है
मैं बन जाऊ नाद आपकी,फिर सबको हक दिलाता हूं 
By......शायर ......गुमनाम
©ajay kumar jabdoliya

©aazad parinda

पत्रकार की जिंदगी

117 View

#Reindeer  की
तेरी आंखों में डूब जाए, तू आवाज तो दे
तुझे तुझसे खूब,चाहे तू आवाज तो दे
तूने छोड़ा है तीर नजर से तो क्या करे
छोड़ दें राह में दिल को तू आवाज तो दे 
By....... शायर.......गुमनाम

©aazad parinda

#Reindeer

90 View

#hibiscussabdariffa  की
आप दोनो की जिंदगी को नए आयाम मिले
हर दिन खुशियों के नए पयाम मिले
है दुआ ये इक दूजे के राज का मान करना
चाहे फुसफुसाहट के किस्से तमाम मिले

dil se...... शायर गुमनाम...
dear tarun...

©aazad parinda

26 jan republic day चंद्रयान तो भेजा,हमने राफल भी हमने उड़ाया है जब जब हुआ देश,विकट मे हमने अपना लहू बहाया है और राजगद्दी को हटा,देश से गणतंत्र का मान बढ़ाया है कर रचना संविधान,अमर की नव भारत देश,बनाया है by.......... शायर गुमनाम ©Ajay kumar jabdoliya

#26janrepublicday #शायरी  26 jan republic day चंद्रयान तो भेजा,हमने
राफल भी हमने उड़ाया है
जब जब हुआ देश,विकट मे
हमने अपना लहू बहाया है
और राजगद्दी को हटा,देश से
गणतंत्र का मान बढ़ाया है
कर रचना संविधान,अमर की
नव भारत देश,बनाया है
by.......... शायर गुमनाम

©Ajay kumar jabdoliya

की मचौले ईक दूजे से कैसे करे दिल को तसल्ली कैसे मिले प्यासी है निगाहे दीदार को उनसे अब हीर से रांझा कैसे मिले ,दिल में मिलन की लहर उठी है पतंगे लेकर छत पे चढ़ी है मजनू आसमां सब ताक रहे है जब से लैला की पतंग उड़ी है ,फूल खिले सब कली खिली नज़रे दो से दो चार मिली चरखी ऐसे पकड़े है सलीम जैसे उड़ाए पतंग अनारकली ,सबके ईश्क की दाल गले ना कभी किसी को हार मिले ऐसे मिला दे सबको रबा जैसे सोनी को महिवाल मिले ©Ajay kumar jabdoliya

#makarsankranti #लव #👉  की
मचौले ईक दूजे से कैसे करे
दिल को तसल्ली कैसे मिले
प्यासी है निगाहे दीदार को उनसे
अब हीर से रांझा कैसे मिले

,दिल में मिलन की लहर उठी है
पतंगे लेकर छत पे चढ़ी है
मजनू आसमां सब ताक रहे है
जब से लैला की पतंग उड़ी है

,फूल खिले सब कली खिली
नज़रे दो से दो चार मिली
चरखी ऐसे पकड़े है सलीम
जैसे उड़ाए पतंग अनारकली

,सबके ईश्क की दाल गले
ना कभी किसी को हार मिले
ऐसे मिला दे सबको रबा
जैसे सोनी को महिवाल मिले

©Ajay kumar jabdoliya

#makarsankranti with शायर गुमनाम #💖

14 Love

Trending Topic